बरसात है आई थम जाएगी (विरह)

बरसात है आई थम जाएगी,
आँखों का बरसना क्या कहिए।
मस्ती से भरे इस आलम में,
मेरे दिल का तड़पना क्या कहिए।...

आवाज है तुझको हमने दी,
तेरी राह से गुजरें हैं जब-जब।
चल-चल कर तेरी राहों में,
छालों का पड़ना, क्या कहिए।...

पागल-सा दिवाना सा,
तेरा प्यार मुझे भटकाता रहा।
इस दिल पर सबके तानों के,
तीरों का चलना, क्या कहिए।....

सोचा था तेरी जुदाई में,
ये जान ही हम दे दें अब तो।
तेरे ही जैसे यारों का,
दुश्मन में बदलना क्या कहिए।...

चाहा था तेरी हर चीज को,
बस खुद से जुदा कर देंगे हम।
झूठे तेरे उन वादों का फिर,
मेरे दिल को छलना क्या कहिए।...

आज लगा हमको जैसे,
तू हँसकर मेरी बाहों में आई है।
आ-आ कर सपनों में तेरा,
यूं मुझसे उलझना क्या कहिए।....

सामने मेरे वो हैं खड़े,
ख्वावों को कुचलकर पैरों से।
इतने पर भी खुशी से मेरी,
आँखों का झलकना क्या कहिए।...

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