Posts

Showing posts from April, 2017

फिर नक्सली हमले की निंदा, व्यर्थ नहीं जाएगी शहादत

किस PM ने ये पहले नही बोला, मोदी जी भी कम से कम 50-60 बार बोल चुके है, लेकिन किया क्या है। चाहे कश्मीर हो, पंजाब या छत्तीसगढ़, या झाड़खण्ड,  सब जगह सैनिको की शहादत होती है। नेता भाषण भोंकते हैं, बाद मैं उनमे से ही कुछ बोलते है कि "सैनिक तो मारने के लिए ही होते है" फिर वो ही नेता मंत्री बन जाते है। सैनिको को थप्पड़ खाने की परमिशन होती है गोली चलाने की नही। हम इसकी जांच की लिए आयोग बनाएंगे, उसकी रिपोर्ट आएगी की ISI का हाथ है। बस सब ठंडे बस्ते में। सही से सोच जाए तो ये सही है कि देश मे सब आतंकवादी घटनायें ISI के सपोर्ट से होती हो लेकिन ये भी निर्मम सच है कि पुलिस और नेता तंत्र के लिए ISi से बड़ा कोई मददगार नही, क्योंकि जिस भी घटना की जांच न कर सको, या हिम्मत न हो, या न करना चाहते हो, या किसी को बचाना हो तो उसके लिए ये बोल दो की ISI ने करवाया, जांच खत्म, पाकिस्तान को गाली दो, सब ठीक। हद है कि एक संगठन और उसका देश जो हमारा "Most favoured nation" है। चाहे PM "इंदिरा" हो (as per अटल जी , "दुर्गा") चाहे भारत मे कम्युटर क्रांति के "कथित" प्रणेता र

इश्क़ की कहानी न पूछिये

यूँ मुझसे मेरे इश्क़ की कहानी न पूछिये, जो तन्हा गुजर गई , वो जवानी न पूछिये, क्यों हो गया ये हाल, मुझे खुद खबर नहीं, बस मुझसे मेरे दिल की नादानी, न पूछिये। वो वक़्त कहाँ गया जब, सब करीब था, जब्त मेरे बाजुओं में जब , मेरा नसीब था, जब ठोकरों पर था मेरे, जमाना औ आसमाँ, बस गुजर गई है अब, वो रवानी न पूछिये। यूँ मुझसे मेरे इश्क़ की कहानी न पूछिये। मैं टूटता रहा मगर, दिल तोड़ न पाया, कोई लूटता रहा, मैं मुँह मोड़ न पाया, वो इश्क़ भी करता था तो, बस खेल एक था, क्या क्या मैं हारा मुझसे, मेहरबानी न पूछिये, यूँ मुझसे मेरे इश्क़ की कहानी न पूछिये। उसकी कहानी का बस, किरदार सा मैं था, जो जितना भी था, बस गुनाहगार सा मैं था। बस उसको मोहब्बत का खुदा मानता रहा, क्या हो गया मुझको, मेरी जुबानी ना पूछिये। यूँ मुझसे मेरे इश्क़ की कहानी न पूछिये।