भारत के भीतर बैठे लालची नेता, अफसर, और जो भी लोग है उनके, और भारत के किसी भी हिस्से पर आंख लगाए विदेशी ताकतों के लिए ..... एक एक भारतवासी की चेतावनी... स्वर्ग विदित तुमको भी हो, हम देव भूमि, हम भारत है। मृत्यु से भी न घबराते, हम कर्म पुजारी भारत हैं। कोई भी विपदा आ जाये, हमने रुकना न सीखा, शिखरों को सब रौंद चुके, गीता अनुपालक भारत हैं। जब चाहेंगे आना होगा, धरती पर विधाता को, हम प्रह्लाद की भक्ति का अंश, प्रेम हैं हम ही भारत हैं। भूल न जाना स्वर्ग वासिनी, हम गंगा भूमि पर लाये, भगीरथ के हम ही वंशज, हम जिद्दी हम भारत हैं। अगर ठान लें, नचिकेता बन, यम के द्वार पर जा बैठेंगे, शेरों के दांतो को गिनते, हम भरत के वंशज भारत हैं। कोई शत्रु नही है सीखा, हमने पाठ कुटुंकम का, कोई हमको न आंख दिखाए, हम वीर शिवा के भारत हैं। सब धर्मों के फूल लगे तो, स्वर्ग से भी सुंदर बनता, बस रक्षक इस उपवन के हम, देव पुत्र हम भारत हैं। मार्ग अगर आ रोक ले सिंधु, या खुद अटल हिमालय भी, बांध दें सेतु, काट दें पर्वत, हम दशरथ मांझी भारत हैं। एक बार तो सोच ले कोई, हमसे टकराने से पहले, ब्रह्म