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Showing posts from May, 2017

जमाने में जिसे देखो, वही बेगाना मिलता है

अफ़साना तमन्ना महफिलों की थी, मगर वीराना मिलता है। जमाने में जिसे देखो, वही बेगाना मिलता है। तुमसे दूर जाने की, कोई हसरत नही दिल में। महफ़िल मे जिसे  देखो, तेरा दीवाना मिलता है। तेरे ही पास आने को कदम बरबस हैं उठ जाते, कोई भी हर्फ़ लिखता हूँ, तेरा अफसाना मिलता है। कभी फिर मौसमों का वो हसींन मंजर नहीं देखा, तेरे बिन कब बहारों का कोई नजराना मिलता है। चले थे लड़कर दुनियां से, तेरा एक साथ पा लेंगे तू हो न साथ दिल को कब, कोई ठिकाना मिलता है। जलन दिल की नही बुझती,  सावन की हवाओं से, ये दिल जलता है हंसकर जब, कोई अनजाना मिलता है। जरा सा वक़्त बाकी है, साकी आ पिला जा फिर, शमां जब बुझती है उसपर, कहाँ परवाना मिटता है।

कभी तौबा नहीं करता

कभी तौबा नहीं करता, और सजदा भी नही करता, कभी मुझको मेरा दिलबर, रुसबा भी नहीं करता। उसके दिल की मैं समझूं, मेरे दिल की बस वो समझे, है उल्फत की रवायत एक, अदा वो भी नहीं करता। है हर पल बस यही कोशिश, कि मुझको न कोई गम हो, है उसके दिल में क्या मुझसे, बयां वो भी नहीं करता। मैं घर, दिल, आरजू से और, नजरों  से मिटा डालूं, बड़ा मासूम है पर वो, खता कोई नही करता। हजारों आरजू कह दी, मगर पल भर न वो बदला, मेरा दिल टूटता तिल तिल, सद़ा कोई नहीं करता। मोहब्बत तो उसे भी है, मगर नादान थोड़ा है, कि मेरी बाहों में आता है, अदा कोई नहीं करता।

मोहब्बत-मोहब्बत- मोहब्बत का है

मोहब्बत-मोहब्बत-मोहब्बत का है,  तेरा मेरा ये रिश्ता मोहब्बत का है, क्या जमाना कहेगा, मुझे क्यों फिकर, तू मेरा, तू मेरा, जन्म जन्मो का है। वो क्यों मान लूं, जो मुझे नापसन्द, बिन तेरे तो मुझे ये जहान नापसन्द, तू मिले न मुझे तो, जहान छोड़ दूं, बिन तेरे तो मुझे है, ख़ुदा नापसन्द। इस जहां से न डर, आसमाँ से न डर, तू मेरा, तू मेरा, जन्म जन्मो का है। डर न तु, दो कदम तो मेरे साथ चल, हाथ में मेरे देकर, तेरा हाथ चल, ये भी माना सफर ये है, उलझन भरा बन के तू हमसफ़र पार आकाश चल। है मेरे साथ तू, डर नही मौत का तू मेरा, तू मेरा, जन्म जन्मो का है। खुशनुमा हो गया, मेरा हर ख्वाब अब, बिन तेरे है नही, कोई अह्सास अब, कैसे दिल मान ले, तू हकिकत नही, मुझको रब सा है तुझपर विश्वास अब तू भले ना मिले, मैं तेरा हो गया, तू मेरा, तू मेरा, जन्म जन्मो का है। हो कोई राह, मेरी तो मंजिल है तूं, तुझे छोर कर कोई साहिल नहीं, तू ही पतवार है, और तू हीं धार है, ये भी मुमकिन, तेरे मैं हूँ, काबिल नही, पर करे क्या ये दिल, है तुझी पर फिदा, हो गया ये तेरा, जन्म जन्मो का है।  मोहब्बत-मोहब्बत- मोहब्बत का है,  तेरा मेरा ये रिश्ता मोहब्बत का

जीवन सफर

बड़ा ही कठिन, ये जीवन सफर है, तुम्हें ही तुम्हे हमसफर चाहता हूं, जो तुमसे शुरू हो, खत्म भी तुम्ही पर, वही साथ मैं उम्र भर चाहता हूं। सोचा नहीं था, कि एक बार मिलकर, कभी जिन्दगी में, भुला न सकूंगा, तेरे बिना, जिन्दगी में कभी फिर, स्वप्न प्यार का मैं, सजा न सकूंगा, हों एहसास तेरे, हों बस ख्वाब तेरे, वही रात में उम्र भर चाहता हूं। जो तुमसे शुरू, हो खत्म भी तुम्ही पर, वही साथ मैं, उम्र भर चाहता हूं। तुम्ही याद में, तुम ही अंदाज में हो तुम्ही सांस में, तुम्हीं एहसास में हो, तुम्हीं बस तुम्हीं मुझको जग से हो प्यारे, तुम्ही आह में, तुम्हीं प्यास में हो। मै जिंदा रहूं तो हो आगोश तेरा, मैं मौत भी तेरे दर चाहता हूं जो तुमसे शुरू हो, खत्म भी तुम्ही पर, वही साथ मैं उम्र भर चाहता हूं।