बरसात है आई थम जाएगी (प्रेम)

बरसात है आई थम जाएगी,
मेरे दिल का धड़कना क्या कहिये,
मस्ती से भरे इस आलम में,
तेरा मुझमें सिमटना क्या कहिये..

पतझड़ का अभी तक आलम था,
आए न थे जो बागों में वो,
आते ही उनकी जुल्फ़ों से,
सावन का बरसना, क्या कहिए,

नजरें मिला कर के उसने,
हँसकर हमको जो देखा है..
उस दिन से मेरी आँखों से,
नींदों का उड़ना क्या कहिए....

ऐ यार तेरे इस चेहरे पर,
चंदा का गुमान् हो जाता है.
झील सी तेरी आँखों में,
मेरे प्यार का झरना क्या कहिए....

पागल भी, दिवाना भी,
तेरा प्यार मुझे बस कर देगा..
मिलते ही नजरें, बागों सा,
जीवन का महकना, क्या कहिए...

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