मैं एतवार करता हूँ p66
तेरे वादे कि सच्चाई पर मैं एतवार करता हूँ।
तुझे सब भूल जाने की, मैं हद तक प्यार करता हूँ।
तुझे मैं भूल जाऊंगा, मैं जब खुद को मिटा दूंगा,
तुझे कैसे दिखाऊं कि, मैं कितना प्यार करता हूँ।
मेरे दिल कि चाहत सब, तुम्हीं से होकर आती हैं,
तेरी यादें मेरे तन मन को, महका कर के जाती हैं।
चाहे जो जतन कर लो, भुला न मुझको पाओगी,
कि पहला प्यार भूलाने में, तो सदियाँ बीत जाती हैं।
दीवाना बनना भी तेरा, ले मैं स्वीकार करता हूँ,
तुझे कैसे दिखाऊं कि, मैं कितना प्यार करता हूँ।
महलों के तेरे काब़िल, कभी मैं बन नही पाया,
कि सौदा अपनी खुद्दारी का, हरगिज कर नही पाया
नहीं मुझको गिला कोई, तेरी इस बेरूखी से हैं,
कि तेरा बन गया लेकिन, तू मेरा बन नहीं पाया।
मैं आपनी सारी हस्ती को, तेरा उपहार करता हूँ,
तुझे कैसे दिखाऊं कि, मैं कितना प्यार करता हूँ।
बहुत छोटी मेरी हस्ती, मैं अक्सर भूल जाता हूं
सितारों को मगर पाने की, हसरत रोज सजाता हूं.
तुझे पाना नही मुमकिन, मगर दिल में उम्मीदे है,
उसे मैं पा ही लूंगा जो, मैं मैं पाना चाहता हूं
ना कोई आरजू तुझसे, ना ही उपकार करता हूँ
तुझे कैसे दिखाऊं कि, मैं कितना प्यार करता हूँ।
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