तुमको मिल जाऊंगा p 288
प्रेम का, सिलसिला, तुम करो, जो कभी, याद कर,ना मुझे, तुमको मिल, जाऊंगा, गीत गाने लगे, मन तेरा, बाबरा, मोड़ पर, इश्क के, तुमको मिल, जाऊंगा, आज रंग, लो सखी, तन को जग, रंग में, प्रेम को, भूल कर, जग के हर, ढंग में, पर कभी, टूट कर, मन दुखे, जो तेरा, याद करना मुझे, तुमको मिल, जाऊंगा। दिल को आने लगे, जब कभी, याद सी, दिल को होने लगे, चाह फरियाद की। आंख बहने लगे, वजह कुछ, भी न हो, याद करना मुझे, तुमको मिल, जाऊंगा। लो गई, रात ये, रात लंबी चली रात के, साथ हर, बात लंबी चली, आस दिल, में कभी, जो जगे, हम मिलें, याद करना मुझे, तुमको मिल, जाऊंगा। क्या हुआ, थम गई, दिल की सारी सदा क्या हुआ, जम गई, आज बहती घटा, दिल को कहनी कभी, मन की कुछ, बात हो, याद करना मुझे, तुमको मिल, जाऊंगा।