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Showing posts from September, 2023

तुमको मिल जाऊंगा p 288

प्रेम का, सिलसिला, तुम करो, जो कभी, याद कर,ना मुझे, तुमको मिल, जाऊंगा, गीत गाने लगे, मन तेरा, बाबरा, मोड़ पर, इश्क के, तुमको मिल, जाऊंगा, आज रंग, लो सखी, तन को जग, रंग में, प्रेम को, भूल कर, जग के हर, ढंग में, पर कभी, टूट कर, मन दुखे, जो तेरा, याद करना मुझे, तुमको मिल, जाऊंगा। दिल को आने लगे, जब कभी, याद सी, दिल को होने लगे, चाह फरियाद की। आंख बहने लगे, वजह कुछ, भी न हो, याद करना मुझे, तुमको मिल, जाऊंगा। लो गई, रात ये, रात लंबी चली रात के, साथ हर, बात लंबी चली, आस दिल, में कभी, जो जगे, हम मिलें, याद करना मुझे, तुमको मिल, जाऊंगा। क्या हुआ, थम गई, दिल की सारी सदा क्या हुआ, जम गई, आज बहती घटा, दिल को कहनी कभी, मन की कुछ, बात हो, याद करना मुझे, तुमको मिल, जाऊंगा।

जो मेरा नहीं उसी ख्वाब पर p286

जो मेरा नहीं उसी ख़्वाब पर, मैं था ख्वाब सारे सजा रहा, तेरी चाहतों का ले सिलसिला, मैं था राह अपनी बना रहा। कोई गीत कहता तो क्या भला, मेरे इश्क़ में कुछ नया नहीं तुझे भूल जाने की थी जिद्द लगी मैं तो खुद को ही था मिटा रहा। मेरे ख्वाब सारे गुनाह अब, तेरे इश्क में न पनाह अब तेरी एक निगाह की आस पर, मैं तो जिंदगी था लुटा रहा। चलो फिर से कोई घाव दो, चलो फिर ये बाहों का हार दो, मेरे चाहतों के महल में मैं, तेरी नफरतें को बसा  रहा। सुना होगा कोई नया सफर, तेरे इश्क का ये तो है असर, मैं तो खुद ही थमती सांसें ले, मेरी मय्यतें को सजा रहा। तुझे अब भी मुझपर यकीन नहीं, तुझे कैसे इसका प्रमाण दूं, मुझे तुझपर रब सा यकीन है, ये ही बात कब से बता रहा।