याद उनको तो कुछ भी नहीं

याद उनको तो कुछ भी नहीं, हमको भी भुला बैठे
किस वेवफा की यादें हम, सीने से लगा बैठे।...

यूं तो हजारों थे, पर ठहरी नजर तुमपर,
तुम्हें पाने की चाहत की, दुनियाँ ही गवां बैठे।...

हमें कब से ये हसरत है, तुम्हें दिल से लगा लें हम,
बस इसी एक हसरत पर, क्या क्या न लुटा बैठे।...

प्यार कितना दिलों में था, और दूरी थी दुनियाँ की,
हम ये दूरी मिटाने चले, खुद को ही मिटा बैठे।....

तेरे वादे थे सब झूठे, तेरी कसमे भी सब झूठी,
तुझे सच्चा समझ कर हम, खुदा तुझको बना बैठे।...

हमने चाहा तुझे भूलकर, लौट आऐंगें दुनियाँ में,
तुझको भूले नहीं लेकिन, खुद को ही भुला बैठे।...

कोई लाख कोशिश करे, होना जो वही होगा,
दिल तुमपर ही आया, हम गर्दिश में जा बैठे।....

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