ख़ता
तुम्हारी खुशबु बहका न दें मैं, कहीं कोई फिर खता न कर लूँ करीब जो इतने तुम आ गई हो, कही मैं तुमसे वफ़ा न कर लूं। खुद पर तो यकीन है मुझको, मगर दिल पर यकीन हो कैसे, तुम्हारी नज़रों में प्यार इतना, दुनिया को ही खफा न कर लूं। बहुत उदासी सी छा गई है, कहा है तुमने अब जाना होगा, चले गए जो तुम मेरे दिलबर, सांसो को मैं जुदा न कर लूं। नशीली आंखों में डूबा डूबा, करार दिल को बहुत है लेकिन, जुदाई तुमसे मिली जो मुझको, दुनिया को ही फना न कर दूं।