आईना भी शरमाया

आईना भी शरमाया, देखकर मेरे महबूब को।
सर सितारों ने झुकाया, देखकर मेरे महबूब को।।


चाँद से चेहरे को, जुल्फों ने घटा सा घेरा है,
या कहें चंदन पर, नागिनों का पहरा है।
रब ने हर नजारा है सजाया, देखकर मेरे महबूब को,
सर सितारों ने झुकाया, देखकर मेरे महबूब को।।


निगाहें ये, जो उठती हैं फूल खिलते हैं,
होठ ये, जो खुलते हैं राग बजते हैं।
मयखाना झूम कर गाया, देखकर मेरे महबूब को,
सर सितारों ने झुकाया, देखकर मेरे महबूब को।।


चाँद-सा चेहरा, जुल्फों की घटायें, नजर की मस्ती,
बहकती चाल, मासूम अदा, प्यार भरा ये दिल,
दिल मे बस प्यार ही आया, देखकर मेरे महबूब को,
सर सितारों ने झुकाया, देखकर मेरे महबूब को।।


जिंदा मैं उनके बिना, अब और रहूं कैसे,
मेरे मालिक तू बता, उनसे ये कहूं कैसे।
दिल तूफ़ान उठाया, देखकर मेरे महबूब को,
सर सितारों ने झुकाया, देखकर मेरे महबूब को।।


क्या कहें किस किस तरह, उनको चाहा हमने,
रात भर तड़पते इस दिल को सराहा हमने,
पर मैं हर बार मुस्कराया, देखकर मेरे महबूब को,
सर सितारों ने झुकाया, देखकर मेरे महबूब को।।

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