Posts

Showing posts from January, 2017

तेरे दिवाने हैं बेशुमार

काँटों के बीच खिलते हुए, ए हसीं गुलाब, तुझको पता क्या तेरे, दिवाने हैं बेशुमार. हजारों को तेरे हुस्न ने, दिवाना बना दिया, लाखों को तेरे इश्क ने, परवाना बना दिया. दिल ये भी तेरे प्यार में सब कुछ गया है हार, तुझको पता क्या....... नजरें उठीं जिधर सब शिकार हो गए, दिल कितनें ही इक अदा पर निसार हो गए, तुमको है देखा जब से, दिल को नहीं करार तुमको पता क्या...... हमको गिला नही तू सबके जिगर में है, हर पल छवि तेरी ही सबकी नजर में है, हमने भी ख्बाव तेरा ही देखा है बार-बार तुझको पता क्या..... उल्फत तेरी यहाँ पर, न जाने किसे मिले, किस्मत न जाने किसकी, आकर यहाँ खुले, हमको न भूल जाना, चाहे जिससे करो तुम प्यार. तुझको पता क्या.....

पिया मिलन

पिया मिलन तू अमरलता के सम होगी, तू बात बात मुसकाएगी, जब साजन होंगे साथ सखी, तू फूलों सी खिल जायेगी। वो भी होगा एक रंग नया, जो तुझको जवां कर देगा और, जो तेरा रहेगा जीवन भर, वो प्रेम का सागर पायेगी। देखो-देखो ये शर्म-ओ-हया, जो आँखो, चेहरे पर छाती है, तू हो जाती रंगीन बहुत, जब याद पिया की आती है। सखियों ने दे-दे ताने और, ये प्रेम अगन है भड़का दी, जो दूरी तेरी उनसे है, वो रात स्वप्न में बिसरा दी, ये दूरी जो साँसों की है, दो दिन में वो मिट जायेगी, सब छोड़, तोड़ जग के बंधन, तू पिया मिलन को जायेगी... जब साजन होंगे साथ सखी, तू फूलों सी खिल जायेगी। जो देखा नहीं था बचपन से, रौनक चेहरे पर आई है, तेरे नैनों की मदहोशी, बन नशा जगत पर छाई है, ऐसी भी क्या लगन सखी कि, दुनियां से यूँ दूर हुई हो, ऐसा क्या जादू प्रियतम में, जो इतना मजबूर हुई हो, लगता है कि रात आज की, नैनों-नैनो में जायेगी कल साजन के घर को जाकर, तू स्वप्न संसार सजायेगी। जब साजन होंगे साथ सखी, तू फूलों सी खिल जायेगी।