कोई बात नही मुलाकात नहीं

कोई बात नही मुलाकात नहीं, पर दिल को तेरा एहसास रहा।
हम दूर भले हों इस तन से, पर मन तो तेरे ही पास रहा।

हम राह में तन्हा बैठे हैं, पथरा ये निगाहें अब हैं गई,
तेरा प्यार मिला न जिस जग में, उससे अब कुछ आस नहीं।
कोई बात नही मुलाकात नहीं, प्यार तेरा मेरे साथ रहा।
हम दूर भले हों इस तन से, पर मन तो तेरे ही पास रहा।

कभी साथ जो खाई थीं कसमें, तन्हा ही निभाए जाते हैं।
जीवन के इस दोराहे पर, साया भी मेरा, मेरे साथ नही।
कोई बात नही मुलाकात नहीं, यादों से सफर आबाद रहा।
हम दूर भले हों इस तन से, पर मन तो तेरे ही पास रहा।

क्यू हमको किया तूने मज़बूर, हम उनसे जुदा, वो हमसे दूर।
या रब! दिलों को तड़पाकर, तूने है किया क्या पाप नही?
कोई बात नही मुलाकात नहीं, हमको तो उसी से प्यार रहा।
हम दूर भले हों इस तन से, पर मन तो तेरे ही पास रहा।

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