चिड़िया रानी
चिड़ियां-रानी चिड़ियां-रानी, रोज कहाँ से आती हो। चीं-चीं-चीं करके, कितना शोर मचाती हो। पास मैं जब आता हूँ तेरे, तुम झट से उड़ जाती हो, चीं-चीं-चीं करके, कितना मुझे सताती हो। करो बात ओ चिड़ियां रानी, मुझको संग खिलाओ न, बार-बार यूं उड़-उड़-उड़ के, मुझको रोज सताओ न, चिड़ियां-रानी सबसे छुपकर, रोज कहाँ खो जाती हो? चीं-चीं-चीं करके, मुझको रोज रुलाती हो। चिड़ियां रानी क्या तुम मुझको, अपना दोस्त बनाओगी, पंख फैला कर आसमान में, उड़ना मुझे सिखाओगी, चिड़ियां रानी इतना ऊपर, तुम कैसे उड़ जाती हो? चीं-चीं-चीं करके, सपने नए दिखती हो। मेरी चिड़ियां-प्यारी चिड़ियां, कितने दोस्त तुम्हारे हैं। हरे, गुलाबी, नीले, पीले, रंग बिरंगे सारे हैं। इतने सारे सुंदर-सुंदर, रंग मुझको दिखलाती हो, आसमान में सबको लेकर, फुर्र-फुर्र तुम उड़ जाती हो।