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Showing posts from March, 2018

चूम लो मुझको

चूम लो मुझको, अमर, प्रेम कहानी कर दो मेरे पास आओ, मुझे अपनी दीवानी कर दो, मैंने कब रोका तुम्हें, दिल से लगा लो आओ, मुझको छू कर मुझे, पत्थर से पानी कर दो।। दिल ने तूफान उठाया, तुम्हें देखा जब से, मैं बहुत दूर, तक आया, तेरे पीछे घर से। सबसे दिलकश है शरमा के सिमटना तेरा, मेरे हो जाओ, अमर, प्रेम कहानी कर दो। मैंने कब रोका तुम्हें, दिल से लगा लो आओ, मुझको छू कर मुझे, पत्थर से पानी कर दो।। सुर्ख गालो का ये कहना की छू लो मुझको, बन्द आंखे भी ये कहती है चूमो मुझको, संगमरमर की हसीन मूरत सा तेरा ये बदन, जाम होठों के ये कहते हैं पी लो मुझको शर्म ने रोका मेरे, कदमो को आ जाओ दिलबर मुझको छू कर मुझे, पत्थर से पानी कर दो।। दिल को बैचैन कर जाती, है आहट तेरी, दिल मे एक प्यास जगाती है चाहत तेरी, तेरी उल्फत की शमा मे है जलना मुझको, मुझको दीवाना बनाती है, सुरत तेरी, मुझको खुद में छुपा लो मेरे दिलबर आकर, मुझको छू कर मुझे, पत्थर से पानी कर दो।।

तुमसे बड़ी उम्मीदे थी

तुमसे बड़ी उम्मीदें थी जो,  एक पल मे ही तोड़ दी तुमने।  कश्ती फंसी भँवर मे ज्यो ही,  मंजिल की जिद छोड़ दी तुमने। कुछ जो बात थी दिल मे वो,  मुझसे खुलकर तो कह देते, ये क्या अब तो बात ही करनी,  मुझसे ऐसे छोड़ दी तुमने। अब भी ये दिल कहता है,  सीने से लगा लोगे मुझको तुम। हसरत भले ही दिल की सारी,  तिनका तिनका, तोड़ दी तुमने। प्रेम तुम्हे जो मुझसे न था,  बरसो क्यों तुम साथ चले थे, ऐसा क्या की प्रेम की नेमत,  चंद पैसों में मोल दी तुमने। बाग खिलाये सूखे दिल मे,  और स्वप्नों के महल बनाये, पल में कैसे सारी कलियां, खुद कदमो रौंद दी तुमने साहित्य अंकुर के 1 जुलाई 2019 अंक में प्रकाशित ।

तुम बिन हम मर भी न पाए

इन आँखों ने कह दी सारी, जो बातें लब कह न पाए, तुम बिन जीना मुश्किल लेकिन, तुम बिन हम मर भी न पाए। गीत नही संगीत नही कुछ, नीरस जीवन की धारा थी, दीप जले घर मंदिर-मस्जिद, मन मे बस विरह हाला थी। तुमने हंसकर जब देखा था, चहुं ओर सजी, स्वप्नों सी झांकी, आंख खुली और बिख र गये सब, हम फिर से, बस थे एकांकी। स्वप्न में तुम हम मिले हजारों, दिवा भए, तो स्वांग रचाए, तुम बिन जीना मुश्किल लेकिन, तुम बिन हम मर भी न पाए। कैसा होगा, जब जीवन ये जीवन का प्रतिकार करेगा। क्षण भर मिलना, और ये बिछड़ना, कैसे मन स्वीकार करेगा, कुछ तो ऐसा भी हो जाता , समय यही पर थम-रुक जाता, तुम अपने मे भर लेते मुझको, तेरा-मेरा सब मिट जाता। हुआ नही कुछ चाहा मेरा, कुछ मन का हम कर ना पाए। तुम बिन जीना मुश्किल लेकिन, तुम बिन हम मर भी न पाए।