चाँद निकला, छुप गया फिर से

तेरी जुल्फों का घना साया था,
रात बाहों में जब तू आया था।
चाँद निकला, छुप गया फिर से,
तेरा चेहरा जो, नज़र आया था।

लोग कहते है तू तो दुनियां पर,
इन अदाओं से राज करती है,
तू जो जगती है दिन निकलता है,
झुकती पलकें ये शाम करती है,
तेरी बाहों मैं, झूम कर सोता,
ख्वाब ये बार बार आया था,
चाँद निकला, छुप गया फिर से,
तेरा चेहरा जो, नज़र आया था।

जब भी आता हूँ सर झुकता हूँ,
कैसे काबू मे दिल ये लाता हूँ।
तू तो बस है सुहानी शामो सी,
तेरी यादों मे दिन बिताता हूँ।
तेरी आंखो डूब जाऊँ बस,
दिल ने तूफां ये मचाया था
चाँद निकला, छुप गया फिर से,
तेरा चेहरा जो, नज़र आया था।

मेरी आंखो मे डूब कर मुझसे,
झूठा वादा कोई तो कर लेते।
तेरी आंखों के बहके दरिया मे,
उम्र भर हम यूँ ही फिर बह लेते।
कुछ भी ऐसा हुआ नही, जीवन,
प्यास से बस छटपटया था,
चाँद निकला, छुप गया फिर से,
तेरा चेहरा जो, नज़र आया था।

विश्वनाथ
8447779510

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