Posts

Showing posts from April, 2016

संवेदनहीनता

"सरकार ने दी किसानों को भारी राहत, रूपये 20.25 प्रति एकड़ की भारी सहायता". "किसानो की सभी समस्याओं का समापन....4 एकड़ के 81 रूपये का चैक." शायद बैंक जाने में ही 30-40रूपये खर्च हो जायेंगे, और ATM से 40 रूपये निकाल कर अपना कर्ज चुकाने के बाद 6 महीने का राशन लायेगा. यह भले ही मजाक लगे मगर यह हमारी सरकारी व्यवस्था में संवेदनहीनता का ऐसा सच है कि जिसके हजारों सबूत मिलते रहते हैं. पिछले सालों में 2 रूपये, 12 रूपयों की मदद की न जाने कितनी खबरें आती रही. मीडिया उसको अपनी टीआरपी बढ़ाने के हिसाब से दिखाता है कि उससे क्या फायदा है और हम एक चटपटी खबर की तरह उसको सुनते रहे, कोई मन ही मन सरकार को कोसाता है, कोई बोलाता है कितनी बेकार सरकार है, तो किसी का मानना होता है कि हमारा क्या जाता है.... मगर यह बात सिर्फ एक की नहीं हमारे उस अन्नदाता की है जो अपना सब कुछ झोंक कर भी तिल तिल मरने को मजबूर है. रोज आत्महत्या. आजादी का हम कितना भी जश्न मना लें  मगर किसान साहूकार के चुंगल से निकले नहीं है, पहले साहूकार थे आज बैक है, ये उससे भी क्रूर साबित हो रहे हैं. सरकार नई योजना लाती है, वाह