हम मिलेंगे कभी
हम मिलेंगे कभी तुम यकीं तो करो, चांदनी सी हो तुम रौशनी तो करो, बिन तुम्हारे न रातें गुज़र पाएंगी, पास आऊं ज़रा आशिकी तो करो। मन के आंगन में कुछ यूं हुआ था पिये, तुमको देखा जमाना थमा था पिये, लो सजा लो मुझे, मेरे संसार को, है तुम्हारा हुआ दिल यकीं तो करो। थे बहुत दिल को कोई भी भाया नही, तुमसा दिल को किसी ने लुभाया नही, कब से जीवन था मेरा ये बेनूर सा, अपनी उल्फत से कुछ रौशनी तो करो। है मिलन की तुम्हें और हमें जुस्तजू, है मोहब्बत को बस एक तेरी आरजू, हसरतें जग रहीं, यूं तुम्हें देखकर, छू के मुझको खत्म बेकली तो करो। है कली सा बदन तुम भंवर बन सजन, फूल बन मैं खिलूँ कर दो ऐसा जतन, आज मेरी तरस पर, बरस जाओ तुम, पास आओ, न तुम दिल्लगी यूं करो। तुम तो वो जो जवानी में रंग भर गए, एक पल में ही जीवन हसीं कर गए, अब कोई खुशी हो या गम हो प्रिये, दूर जीवन की सारी कमी तो करो।