खौफ का नाम डोडेन (doden) अंतिम भाग 4
अभी तक अपने पढ़ा कि एक लैब में एक खतरनाक वायरस पर काम चल रहा है। उनके वायरस बनाने की तकनीक और उस वायरस के इस्तेमाल के लिए खुफिया मीटिंग चल रही है। हैपिंग आगे बताता है की अगर दुनिया ये मानने लगेगी की ये वायरस हमने फैलाया तो उससे बचने के लिए एक प्लान है जिसका क्रियान्वयन वक़्त के हिसाब से निश्चित होगा अब आगे देखते है कि क्या हुआ। तो आइए दोस्तों चलते है उसी मीटिंग में.... इस प्लान के तहत हम अपने कुछ छोटे शहरों में जिनमे आबादी की उम्र औसतन ज्यादा होगी में ये वायरस फैला देंगे। चूंकि इन शहरों में वैक्सीन यही लगी होगी इसलिए यहां वायरस ज्यादा तेज़ी से फैलेगा। इन शहरों का चुनाव इस वजह से किया जाएगा क्योंकि वहां की आबादी जल्दी ही नॉन प्रोडक्टिव आबादी में बदलेगी, ये आर्थिक सामाजिक किसी भी लिहाज से देश के लिए अच्छा नही है। ये सभी शहर विदेशी मीडिया के लिए खोल दिये जायेंगे ताकि वो भी यहां आकर अपनी आंखों से यहां के हालात देख लें। हमारी वैक्सीन और दवाई जो कि तैयार रहेगी से हम जितना हो सकेगा लोगों को बचाएंगे। लेकिन हमारा ये प्रयास रहेगा कि हालात ऐसे हो जाये कि कोई भी हम पर अंगुली उठाने की बजा