रिश्ते

सभी कहते हैं, जो रिश्ते बनते हैं, टूट जाते हैं,
लेकिन कुछ रिश्ते बनते हैं मगर टूटते नहीं,
भले ही वो, दूर हो जाएं, बिछड़ जाएं, रूठ जाएं,
दूनियाँ लाख चाहे मगर भूलते नहीं।
उनका नाम है दोस्ती, इंसानियत, प्यार।

प्यार मिलता नही, तो कभी मिल के छूट जाता है,
ये दिल तन्हाई में, गीत उन्हीं के गाता है,
अपने गम में भूला दें उनको ये तो मुमकिम है मगर,
पर खुशी में उनके लिए फ़रियाद किये जाता है।

किसी शायर ने भी क्या खूब लिखा है।...
ये प्यार क्या है, बस एक खिलौना है,
टूट जाए तो मिट्टी, खो जाए तो सोना है।

मगर चाहे जो भी हो उनको दुआओं के सिवा
कुछ दे भी तो नहीं सकते।

ये दुआ दिल से निकली और जुबां तक आई हैं
मैं खुश हूँ कि आज तुमने सारी खुशियाँ पाई हैं,
दिल पर पत्थर नहीं एक फूल रखा है तेरा दिया।
मेरे दिल को फिर, तेरी चंद मुलाकातें याद आई हैं।

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