शान्त पड़े दिल के सागर मे

रात है बहकी, चांद है मद्धिम,
दिल मे तुम ही समाये हो,
शान्त पड़े दिल के सागर मे,
तूफां बन कर आये हो।
मै भी आखिर कैसे कह दूँ,
अरमानो को शब्दों मे,
दिल ने तुझको मान लिया,
बस तुम मेरे हम साये हो।

अदा तुम्हारी भा ना जाये,
नजरें मै इससे बचा रहा हूँ
दिल शायर सा हो ये गया है,
गीत बना तुझे गा रहा हूँ,
कोई नही अब बचा जो लेगा,
तुम मुझपर यूं छाए हो।
शान्त पड़े दिल के सागर मे,
तूफां बन कर आये हो।

कुछ और कहानी, कह देता पर,
दिल के राज छुपाऊँ क्यू।
तेरी चाहत का हूँ मारा पर,
दुनिया को बतलाऊं क्यू।
तुमने सुन ली सारी बातें,
खुद हर राज छुपाये हो।
शान्त पड़े दिल के सागर मे,
तूफां बन कर आये हो।

Comments

Popular posts from this blog

अरमानों पर पानी है 290

रिश्ते

खिलता नही हैं