मुझे चुराते जाओ

तुम तीर चलाओ फिर से,
मै फिर घायल हो जाऊँ।
तुम फिर इतरओ खुद पर,
मै फिर कायल हो जाऊँ।।
तुम इश्क़ मे बस ना बोलो,
मै इश्क़ मे बस हाँ समझूँ।
तुम मुझे चुराते जाओ,
मै तुम्हें चुराता जाऊँ।।

एक टीस सी बस चुभती है,
आते नही हो तुम जब।
आखों से बहती सरिता,
बहलाते नही हो तुम जब।।
तुम बालों को सहलाओ,
मै नींद मे खोता जाऊँ।।
तुम मुझे चुराते जाओ,
मै तुम्हें चुराता जाऊँ।।

है दिल मे दर्द ये कैसा,
जो कहना भी मुश्किल है।।
आंखो मे नही है आंसू,
पर सहना भी मुश्किल है।।
सब आह कहो तुम दिल की,
मै तुम्हें सुनाता जाऊँ,
तुम मुझे चुराते जाओ,
मै तुम्हें चुराता जाऊँ।।

हर बात तुम्हारी मानूँ,
एक वादा है ये तुमसे।
हमराज बना लो लेकिन,
बस चाहा है ये दिल से।
कुछ ऐसा करो ओ प्रितम,
दिल मे मैं समाता जाऊँ।
तुम मुझे चुराते जाओ,
मै तुम्हें चुराता जाऊँ।।

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