जाम दे दो

तुम्हारी ही आंखो मे है डूबा डूबा,
दिल को जरा सा तो आराम दे दो,
चले आओ बाहों मे मेरे सनम तुम,
होठो को होठों का ये जाम दे दो।


बहकने दो मुझको संभलो ना अब तो,
तेरी मयकशी ने दीवाना किया है।
मुझे भी जमाने की क्यू कुछ फिकर हो,
मेरे साथ का तूने, इरादा किया है,
जग को भुला कर, अपना बना कर,
नई एक खुशी तो मेरे नाम दे दो।
चले आओ बाहों मे मेरे सनम तुम,
होठो को होठों का ये जाम दे दो.....


बहुत रंग देखे, तुझसा नही पर,
बहारो को भी तेरी ही जुस्तजू है।
तेरी खुश्बूओं से, महका गुलिस्तान,
मेरे मन को बस एक तेरी आरजू है,
फिर पास आओ, गले से लगा
या चाहत का कोई तो पैगाम दे दो
चले आओ बाहों मे मेरे सनम तुम,
होठो को होठों का ये जाम दे दो.....


खिले चांद जैसी है सूरत तुम्हारी,
आंचल तुम्हरा ये नीले गगन सा,
चंदन सा ये तन, फूलों सा ये मन
तेरा साथ है तो है आलम खुशी का।
जुल्फों के बादल में सर रख कर सोना,
मुझे मेरी चाहत का इनाम दे दो,
चले आओ बाहों मे मेरे सनम तुम,
होठो को होठों का ये जाम दे दो......

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