इश्क़ मे मरना
मेरे गीतों पर तुम्हरा ही अक्स छा गया,
बादलों का कारवां जमी पर आ गया
छा गई है धूलि सी, जिधर भी देखिए,
सर्दियों का ये समां, दिल को भा गया।
नफरत अब ना कीजिये, दिल से लगाईये,
अब तो मिलन वाला है मौसम भी आ गया।
आ गये हो मेरे दिल मे, समाते ही जाईये,
तेरी हर अदा पर हमको प्यार आ गया।
कह रहे हो वेवफा, गैर के पहलू मे बैठ कर,
हमको तेरे इश्क़ का, अंदाज भा गया।
तोड़िये फिर जोड़िये, फिर तोड़िये दिल को,
तेरे हाथों मिटने का आह्सास भा गया
अह्सास सभी बेकाबू, देख हुस्न की रौनक,
हमको को इश्क़ मे है अब, मरना भी आ गया।
Comments
Post a Comment