तुमको ही तो भुलाना है

फिर प्रेम गीत मै गा लूँगा,
एक तुमको ही तो भुलाना है।
बस जीवन ये जी लेने का,
अंदाज तेरा अपनाना है।

गढ़ कर फिर प्रतिमान नये,
प्रेम के सब भगवान नये,
नये स्वपन नव आशाओं से,
फिर जीवन ही तो सजाना है।
बस जीवन ये जी लेने का,
अंदाज तेरा अपनाना है।

दुनिया का व्यवहार नया,
है प्रेम बना व्यापार यहां,
बेमोल प्रेम अरमानो को,
दुकां पर ही तो सजाना है,
बस जीवन ये जी लेने का,
अंदाज तेरा अपनाना है।

वो शमा-पतंगा की बातें,
थीं दीप सी जलती जो रातें।
वो मधुर मिलन स्मृतियों को,
बस खत के साथ जलाना है।
बस जीवन ये जी लेने का,
अंदाज तेरा अपनाना है।

अब कौन कहे क्या बीत रही,
नशवर स्वप्नो को सींच रही,
झूठी दिल की आशाओं को,
बस मिट्टी मे तो मिलाना है।
बस जीवन ये जी लेने का,
अंदाज तेरा अपनाना है।

तुम प्रेम गये क्यू भूल पिये,
है व्यथा बहुत ही गूढ पिये,
अब दुनिया को हर राज छुपा,
खुलकर ही तो बताना है।
बस जीवन ये जी लेने का,
अंदाज तेरा अपनाना है।

हम गीत नही कह पायेंगे,
तुझको भी भूल ना पायेंगे,
और ना तेरे जैसा तुझको,
कोई दर्द हमे दे जाना है।
बस जीवन ये जी लेने का,
अंदाज तेरा अपनाना है।

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