दूरियां

तुमसे बातें हुई बस यू ही बेखबर
फिर मुझे तुम तो अपने से लगने लगे,
दिल ने चाहा तुझे फिर यूं ही टूटकर,
स्वप्न तेरी मोहब्बत के सजने लगे।

मेरे आगोश तुम तो आते-जाते रहे,
ख्वाब मे ही सही, दिल लुभाते रहे
मै ये जग भूलकर, तुझ मे खोने लगा,
हो मेरे तुम मुझे ये, बताते रहे,
दूरी मिटने लगी, जो भी थी बीच मे,
और मुझे तुम तो अपने से लगने लगे,

खूबसूरत हो तुम, तन से भी, मन से भी,
तुम ही गीतो का मेरे भी सिंगार हो,
बाग में है नही, फूल तुझसा कोई,
तुम हवाओं की ठंडक, का अहसास हो
तुमने दिल को बनाया अपना सनम,
फिर मुझे तुम तो अपने से लगने लगे,

दो ही दिन तो हुए, दिल ये हंसने लगा,
तुझे देखे जो ना, आह भरने लगा,
मुझसे होने लगी, फिर तो कुछ गलतियां,
तुझको खोने के ड़र से, मैं डरने लगा,
तुमको होने लगी फिर गलतफहमियां,
खुद को मुझसे फिर दूर करने लगे।

तुमसे बातें हुई बस यू ही बेखबर
फिर मुझे तुम तो अपने से लगने लगे,
दिल ने चाहा तुझे फिर यूं ही टूटकर,
स्वप्न तेरी मोहब्बत के सजने लगे।

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