रॉन्ग नंबर भाग 4 से 6 (सम्पुर्ण कहानी)

जैसा आपने अब तक पढ़ा कि कैसे रमेश की दोस्ती मीनू से एक "रॉन्ग नंबर" के कारण हो जाती है। जिसके बारे मे उसका दोस्त सतेन्द्र सब जानता है। रमेश से दोस्ती टूटने के कुछ दिनो बाद मीनू सतेन्द्र को ही प्रेम निवेदन कर देती है।  अब आगे।

सतेन्द्र आज उस दोराहे पर आ गया था जिसके बारे मे उसने कभी सोचा भी नही था। अगर मीनू को हाँ बोल देता है तो रमेश क्या सोचेगा, उसकी दोस्ती खतम ना हो जाये। अगर न बोल दे तो मीनू को दिल की बिमारी की वजह से उसे कुछ हो गया तो?

फिर उसने अपनी चीन वाली दोस्त से भी बात की जो उसे मन ही मन प्यार करती थी लेकिन उनकी शादी होना ना मुमकिन थी। उसने भी सतेन्द्र को समझाया कि जिस लड़की ने पैसो की वजह से रमेश का साथ छोड़ दिया उसकी सच्चाई का क्या भरोसा। तुम उसकी मदद कर रहे हो लेकिन क्या वो तुम्हरा साथ तुम्हारे खराब टाईम मे देगी। तुम सोच लो तुमको क्या करना है लेकिन मुझे भूल न जाना कभी।

लेकिन कहते है न कि समय इन्सान की बुद्धि पर एक ऐसा आवरण डाल देता है कि इन्सान उसके जाल मे फँसता ही चला जाता है। नियती ने तय कर दिया था सतेन्द्र का भाग्य।

सतेन्द्र ने फैसला किया चूंकि रमेश तो मीनू को छोड़ ही चुका है, तो उसको समझा लेगा। और उसके मन मे भी शायद कुछ है तो वो मीनू हाँ बोल देगा। बाकि जो होगा देखा जायेगा।

I love You too मीनू, आज से तुम मेरी हो सिर्फ मेरी। और अब तुम कोई चिंता ना करना मैं तुम्हारे साथ हूँ हमेशा।

मीनू शायद सो गई थी। उसका कोई जवाब नही आया। रात भर सतेन्द्र मीनू के बारे मे ही सोचता रहा। उसको कब नींद आ गई पता ही नही चला। सुबह उठ कर देखा तो व्हाटसाप पर मैसेज पढ़ा जा चुका था लेकिन कोई रिप्लाई नही आया था।

गुड मॉर्निंग मेरी स्वीट मीनू। सतेन्द्र ने प्यार से मैसेज किया।

आप यहां मैसेज नही कीजिये। आप मुझसे झूठ बोले। मैने पहले ही पूछा था आप कैसे दोस्त हो। आपने कहा था जैसे दोस्त होते हैं। फिर ये सब क्या है। जगत ने मैसेज किया।

पहले ऐसा नही था कुछ लेकिन आपसे कहता भी कैसे। आप उसके भाई है। पहले हम सिर्फ प्लीज समझिये मेरी बात को। माफ कर दीजिये। सतेन्द्र  ने मैसेज किया।

नही। पहले ही मीनू बहुत दुखी है। और ये प्यार मे चक्कर मे हर कोई रोता है। वो पहले भी बहुत रोई थी। मै उसको और रोते हुए नही देख सकता। जगत ने फिर मैसेज किया।

मै उसका साथ नही छोडूंगा कभी। आप तो जान ही गये हो मुझे इतने दिन में। आप यकीन करो मैं हर हाल मे उसका साथ दूंगा। उससे बात करवा दो। सतेन्द्र ने जगत को यकीन दिलाते हुए कहा।

अच्छा ठीक है। आप अच्छे आदमी लगते हो इसलिये मान जाता हूँ। मै अभी बाहर हूँ। एक घन्टा बाद बात करवा देता हूँ।

एक घंटा बाद सतेन्द्र ने मीनू को फोन किया।

मेरी गलती से भाई को पता चल गया, वो बहुत नाराज है। मीनू ने रोते हुए बताया।

होना ही चाहिये, वो अपनी बहन को बहुत प्यार करता है।
सतेन्द्र ने शरारती अन्दाज मे बोला।

नही ये मेरी गलती है, अब उसको क्या समझाऊँ, कैसे समझाऊँ। मीनू का रोकर बुरा हाल था।

क्या भाई ने सारे मैसेज पढ़ लिये थे? सतेन्द्र ने पूछा

नही। आपके मैसेज का बहुत देर इन्तजार की। लेकिन जब रिप्लाई नही आया तो सारे मैसेज डिलीट करके सो गई, भाई ने सिर्फ आपका मैसेज पढ़ा है। मीनू ने बताया।

भाई को सिर्फ इस बात पर गुस्सा है कि हमने झूठ क्यों  बोला। सतेन्द्र  ने कहा।

ठीक है मै भी समझा देती हूँ। मीनू ने कहा।

अब क्या था। प्यार के सपने सजने लगे। क्योंकि भाई ने मीनू का फ़ोन उसको वापस कर दिया था तो दिन मे रात मे कॉल, मैसेज, वीडियो कॉल, रोज रात देर तक बात ये सब चलने लगा। ऐसे दिन बीतने लगे।

कल अकाउंट नंबर भेज देना। और ब्रांच का नाम भी। एक दिन सतेन्द्र ने मीनू से कहा।

क्यों। मीनू ने पुछा।

अकाउंट से सारे पैसे चुराने है, पगली। तुम्हारी पढ़ाई के लिये पैसे डालने है। सतेन्द्र ने कहा

बाबू मत भेजो। आप कभी मिले भी नही हो, और ये सब। नही मत भेजना पैसा। मीनू मना करते हुए बोली

मै ये पैसा तुम्हारे लिये नही भेज रहा। तुम्हारी पढ़ाई के लिये भेज रहा हूँ। और मुझे अकाउंट नंबर भेज देना। अपना दिमाग पढ़ाई मे लगाओ, इन सब बातों मे नही, अपना सपना पूरा करो बस। सतेन्द्र ने समझाते हुए कहा।

ठीक है। मीनू ने अकाउंट की डिटेल भेज दी।

फिर सतेन्द्र ने दस हज़ार रुपए अकाउंट मे ट्रांसफर कर दिये।

कल बैंक जाकर पैसा निकाल लेना। सतेन्द्र ने कॉल करके कहा।

थैंक यू। आप बहुत अच्छे हो। बिना देखे आप इतना कर रहे हो। आप मुझे मिले मेरी बहुत अच्छी किस्मत। मीनू ने वही मीठी सी नशीली आवाज मे बोला।

माँ सतेन्द्र ने पैसे डाल दिये है। कल चलना निकालने, अब मै पढ़ सकूंगी। सतेन्द्र की कॉल के दौरान ही खुशी से माँ को बताया और फिर अपनी बातों मे लग गई सतेन्द्र के साथ।

अगले दिन बैंक पहुंचने पर पता चला की अकाउंट की KYC ना होने के करण पैसा वापस हो गया है। मीनू ने सतेन्द्र को फोन किया।

बाबू पैसा नही आया है, अकाउंट अपडेट करना होगा। अभी नही आ सकता इसमे पैसा। मीनू ने बताया।

अच्छा मै देखता हूँ कुछ। तुम घर जाओ। और अपना पता और माँ का नाम बता देना मै कुछ करता हूँ। सतेन्द्र ने कहा।

फिर सतेन्द्र ने  westren union money से पैसा ट्रांसफर किया। और मीनू को सब बता दिया। अगले दिन सर्वर मे कोई प्रॉब्लम की वजह से मीनू को पैसा नही मिल पाया। मीनू ने सतेन्द्र को फोन मिला कर कहा।

क्यों मजाक कर रहे हो हमारे साथ। पैसा नही मिला है। अब मत भेजना। मै नही आऊंगी। मीनू ने गुस्से मे बोला।

सतेन्द्र  का दिमाग खराब हो गया ये बात सुनकर। जबकी उसने पेपर की फोटो भी भेज दी थी। उसके बाद ऐसी बात। उसने मीनू को बोला आप घर जाओ मैं बैंक से बात करके बताता हूँ।

शाम को सतेन्द्र ने मीनू को फोन किया।

तुम पैसा कैन्सिल कर दो। मै अब नही जाऊंगी। माँ को लेकर दो बार जा चुकी हूँ अब नही होगा। मीनू ने बोला।

तुम क्या समझती हो मैने नही डाले पैसे। तुमको पेपर के फोटो तो भेजा था ना। अब कुछ प्रॉब्लम हो गई तो ये क्या बात हो गई, क्या ये मै जान बूझ कर किया। कल मिल जाएंगे पैसे। सतेन्द्र ने गुस्से मे बोला।

ठीक है, मै समझ गई। लेकिन माँ को कैसे समझाऊँ कि क्यो नही मिला पैसा। क्या बोल कर ले जाऊँ उनको। मै नही जाऊंगी अब। मीनू ने जिद्द करके बोला।

तो ठीक है अपना सपना भूल सकती हो तो भूल जाओ। मत पढो। बोलो भूल जाओगी तो। सतेन्द्र ने बोला।

नही भूल सकती। मीनू ने बोला।

तो एक बार लास्ट कोशिश करो। कल पैसा पक्का मिल जायेगा। सतेन्द्र ने समझाते हुए बोला।

अगले दिन मीनू को पैसे मिल गये। मीनू ने सतेन्द्र को फ़ोन किया

पैसे मिल गये बाबू अब मै पढ़ पाऊंगी, मेरा सपना पूरा करूंगी। आप के करण ये सब हो पा रहा है। आई लव यू बाबू। मीनू ने खुशी से बोला।

मै तो मजाक कर रहा था ना तुम्हारे साथ। सतेन्द्र ने नाराज होते हुए बोला।

माफ कर दो ना बाबू। मै समझ गई की आप मेरे लिये क्या कर सकते हो। प्लीज माफ कर दो ना। मीनू ने दुखी होते हुए बोला।

ठीक है कर दिया, तुम हँसते हुए अच्छी लगती हो वो तुम्हारी मीठी सी आवाज का नशा। सतेन्द्र ने माहौल हल्का करने के लिये बोला।

सब अच्छा चल रहा था। मीनू ने कोचिंग ज्वाईन कर लिया था ताकि एग्ज़ाम की तैयारी हो सके।

अब हमारी बात कम हो पायेगी। पढ़ तो रही हूँ अगर इस बार फेल हो गई तो खुद को मार लूंगी। मीनू ने सतेन्द्र से बोला।

ऐसे मरने वाली बात क्यों बोलती हो। जब मैं तुम्हारे सपने के लिये मदद कर रहा हूँ तो क्या तुमको पढ़ाई मे डिस्ट्रूब करूंगा? अब मै कॉल नही किया करूंगा। सतेन्द्र ने कहा।

मै ये नही कह रही। बस कम करना होगा बाबू। मीनू ने प्यार से बोला।

तुम अपना पढ़ाई का और कोचिंग का टाईम बता दो ताकि मैं उस समय कॉल या मैसेज ना करुँ। सतेन्द्र ने पूछा।

मीनू ने सब बता दिया उसके बाद सतेन्द्र उस वक़्त फ़ोन नही करता था ना ही मैसेज। रात को कॉल पर बात होती थी लेकिन कम। वॉट्सएप्प के मैसेज का रिप्लाई भी 2-4 मिनट बाद ही आता था।

तुम मुझसे बात करती हो या किसी और से भी की रिप्लाई इतनी देर मे आता है। सतेन्द्र ने एक दिन पूछ ही लिया।

दोस्त मैसेज करते है। पढ़ाई के नोट्स भी वॉट्सएप्प पर आते है तो उनको जवाब देना पड़ता है ना बाबू। मीनू ने बड़े प्यार से बोला।

सतेन्द्र ने भी सोचा सही तो है। वो 4-5 मिनट के बाद आये रिप्लाई से भी खुश था। लेकिन ये टाईम बढ़ता जा रहा था।

एक दिन सतेन्द्र ने मीनू को कहा कि माँ से बात करवाओ।

क्यो क्या बात करनी है बाबू को माँ से। मीनू ने हँसते हुए पूछा।

हर बात नही बता सकता ना। तुम माँ से बात करवा दो।  सतेन्द्र ने शरारती अंदाज में कहा।

ठीक है शाम को करवा दूँगी। मीनू ने बोला।

आखिर क्या बात करनी है सतेन्द्र को मीनू की माँ से शादी की बात करनी है या कुछ और। इन्तजार कीजिये "रॉन्ग नंबर" के अगले भाग का।


जैसा आपने अब तक पढ़ा कि कैसे रमेश की दोस्ती मीनू से एक "रॉन्ग नंबर" के कारण हो जाती है। जिसके बारे मे उसका दोस्त सतेन्द्र सब जानता है। रमेश से दोस्ती टूटने के कुछ दिनो बाद मीनू सतेन्द्र को ही प्रेम निवेदन कर देती है। सतेन्द्र उसको स्वीकार करके हर तरह से उसकी मदद करने लगता है, उसकी पढ़ाई का सपना पूरा करवाता है। मीनू के प्यार मे डूबते हुए दिन जैसे उड़ते जा रहे थे। मीनू ने पढ़ाई शुरु कर दी थी और वो बहुत खुश थी। लेकिन मीनू धीरे-धीरे दूर होती जा रही है ये अहसास के बाद भी उसका साथ देता है वो मीनू से कहता है कि मां से बात करवाओ। अब आगे....

लो मां से बात कर लो।

मांजी प्रणाम, पहचाना मुझे? आपसे अस्पताल मे बात की थी उस दिन। सतेन्द्र ने कहा।

पहचानी तो नही लेकिन आप ही मीनू की पढ़ाई का पैसा दिये हो ना। मां ने कहा।

हाँ मां जी मै ही हूँ सतेन्द्र।

हम भी मीनू को पढ़ना चाहते हैं। लेकिन इलाज और पढ़ाई एक साथ मुश्किल हो रहा है। इसके पापा मीनू की पढ़ाने को बर्बादी मानते हैं। मैं कुछ कर नही पा रही हूँ। मां ने दुखी होते हुए बोला।

आप मीनू की चिंता ना करो उसके लिये मैं हूँ ना। मै सब कर दूंगा। सतेन्द्र ने बोला।

वो हमारी जिम्मेदारी है, हम देखेंगे ना। मां ने कहा।

आप समझिये ना। अब उसका सब जिम्मेदारी मै उठाऊँगा। आप चिंता बिल्कुल ना करो मांजी। सतेन्द्र ने कहा।

अच्छा ठीक है जैसा आप को सही लगे। मां ने बोला।

आपसे एक बात पुछ्नी थी। मुझे सब पता है कि उस समय मीनू का आपरेशन क्यू नही हो पाया। लेकिन अब क्या सोचा है आपने। सतेन्द्र ने पूछा।

हम मीनू को बहुत प्यार करते हैं। लेकिन क्या करू मेरे पास कुछ पैसा है जो मीनू के लिये ही रखा है लेकिन मीनू के पापा नही समझ रहे। मीनू की मां ने बताया।

कितना लगना है और कितना है आपके पास पैसा? सतेन्द्र ने पूछा।

मेरे पास एक लाख है और अस्पताल मे एक लाख पचास हज़ार लगना है। मै बाकी का इन्तजाम कर रही हूँ। जल्दी ही हो जायेगा मां ने बोला।

बाकि पैसा मै भेज दूंगा आप चिंता ना करो। और आप मना ना कीजियेगा। सतेन्द्र ने बोला।

अब इतना कह रहे हो तो ठीक है। लेकिन, मुझे ठीक नही लग रहा ऐसे पैसा लेना। मां ने बोला।

10दिन मे पटना जाना है। आपरेशन के लिये। मां ने आगे कहा।

ठीक है आप मुझे फ़ोन करना वहा जाकर सब बताना। सतेन्द्र ने बोला।

उस दिन के बाद मीनू की मां से और उसकी बहन अनू से काफी बार बात हुई। अनु से तो काफी माजाक भी होता था। सतेन्द्र की लडाई भी होती रहती थी मीनू से।

पता नही किससे बात करती हो, रात मे 11-12 बजे ऑनलाइन आती हो। मेरे मेसेज का जवाब नही देती।  कौन है ऐसे जिससे बात करने के लिये मुझसे बात करना छोड़ देती हो। सतेन्द्र ने बोला।

अरे बताया तो दोस्त है। मीनू आगे बोलती उससे पहले ही बात बीच मे काट दी।

कौन से दोस्त, मेरे भी दोस्त है, उनसे बात होती है 30 मिनट या 40 मिनट, ये क्या उनसे बात करने को लेकर मुझे भूल जाओ। अगर कोई और है तो बता दो तुम्हारी जिन्दगी मे। प्लीज मुझे सच बता दो, धोखा ना देना। सतेन्द्र लगातार बोल रहा था।

हे भगवान। क्या क्या सोचते हो बाबू आप। ऐसा कुछ नही है। आपको लगता है तो छोड़ दो मुझको। लेकिन मेरी लाईफ मे आपके सिवा कोई ना है ना होगा। मीनू ने बोला।

तुमको पता है मै तुमको कभी नही छोड़ सकता। अब कल बात करते है गुड नाइट। सतेन्द्र  ने बिना कुछ सुने फ़ोन काट दिया।

सुबह सतेन्द्र ने देखा की मीनू चार बजे तक ऑनलाइन थी। उसे अजीब लगा, लेकिन वो मीनू को खोना नही चहता था। उसे पता था कि प्यार करो तो उसकी गल्तियों को छुपाने के लिये भी दिल मे बहुत बड़ी जगह रखो।

मीनू जब ऑनलाइन होती और जवाब नही देती तो बोलती ही गाने सुन रही थी। लेकिन गाने सुनने का वॉट्सएप्प के ऑनलाइन शो होने का कोई ताल्लुक नही था। वो बीच बीच मे लड़ते रहते थे।

बाबू आपसे मिलने का बहुत मन करता है। जल्दी आ जाओ ना। मीनू बार बार कहती रहती थी ये बात। और सतेन्द्र का सारा गुस्सा फुर्र हो जाता था। लेकिन आज सोच रहा था की क्या ये सच है या सिर्फ दिखावा। लेकिन ये दिल, उफ्फ समझता ही नही, उसे तो बस अपना प्यार सबसे निर्मल, सच्चा नज़र आता है चांद मे दाग है तो है, मेरे प्यार मे कोई दाग नही ये हर प्रेमी सोचता है अपने महबूब के लिये।

मै छ: महिने मे आ पाऊँगा। सतेन्द्र ने कॉल करके मीनू को बताया।

नही मेरे ओपरेशन के टाईम आना ही होगा। मीनू ने जोर देकर कहा।

अच्छा देखता हूँ। सतेन्द्र ने कहा।

आज हम पटना जा रहे है। मीनू ने मेसेज करके सतेन्द्र को बता दिया।

अच्छा मुझे फोन करके बता देना जैसे ही कोई जरुरत हो।

डाक्टर ने जनवरी मे ऑप्रेशन को बोला है। बाबू, मुझे ड़र लग रहा है, अगर मैं मर गई तो, दिल का ऑप्रेशन है ना बाबू। मीनू ने दुखी आवाज मे बोला।

फिर तुम मरने की बात करने लगी। बोला ना ये बात ना बोला करो। और तुमको तो बस मुझे दुखी करने मे मज़ा आता है। सतेन्द्र नाराज होते हुए बोला।

तो आ जाओ ना मेरे पास कब से कह रही हूँ, अब और नही। तुम नही आये तो नही जाऊंगी अस्पताल। मुझे तुमको उससे पहले मिलना है, छूना है मह्सूस करना है बाबू। फिर पता नही क्या होगा। मीनू ने जिद्द करते हुए कहा

बोला तो देख रहा हूँ, तुम मरने की बात ना करना नही तो मै कभी बात ही नही करूंगा। सतेन्द्र ने कहा।

अच्छा बाबू ठीक है नही करूंगी। लेकिन तुम ना आये तो देख लेना। मीनू ने कहा।

आऊंगा जरूर। चिंता ना करो। सतेन्द्र ने कहा।

बाबू एक बात की डाक्टर ने मोबाइल इस्तेमाल कम करने को बोला है। रात मे नौ बजे तक सो जाने को भी बोला है, और एग्ज़ाम भी आ रहे हैं। तो क्या करुँ। मीनू ने प्यार से पूछा।

सही तो कहा है, आज से मैसेज नही। कॉल भी कम किया करूंगा। अब अपना ध्यान रखो और पढ़ाई पर ध्यान दो। सतेन्द्र ने बोला।

उस दिन से सतेन्द्र ने मेसेज बन्द कर दिये और फ़ोन भी कम। जुदाई मे दिन बीतने लगे। लेकिन समय को कुछ और ही मंजूर था। जिन्द्गगी कुछ ऐसा वक़्त दिखाने वाली थी और एक दिन....

एक दिन अपने पुराने मेसेज देखते हुए सतेन्द्र ने देखा की मीनू अपने दुसरे नंबर से वॉट्सएप्प चला रही थी। ये नंबर सतेन्द्र को रमेश ने दिया था। लेकिन शायद ये बात मीनू को पता नही थी। और वो लगातार ऑनलाइन दिखा रहा था। सतेन्द्र चौक गया। कि ये क्या हो गया। उसके उप्पर मानो बिजली गिर गई थी कि इतना झूठ।

सतेन्द्र ने मेसेज किया- हल्लौ।

आप कौन, मीनू ने मेसेज किया,

मै सतेन्द्र, आप कौन,

मै प्रिंस, और नंबर ब्लॉक कर दिया।

सतेन्द्र कुछ सोच ही नही पा रहा था कि क्या हो गया। उसे याद आया कि मीनू ने आपने भाई का नाम प्रिंस बताया था। और वो ये सब सोचते सोचते सो गया, और जब सुबह उठा तो उसने दुसरे नंबर से वॉट्सएप्प चलाया। उसमे प्रोफाइल फोटो मीनू का लगा हुआ था। स्टेटस मे पांच-छ: फोटो मीनू की लगी थी। 

सतेन्द्र ने गुस्से मे मीनू को फ़ोन लगाया। लेकिन पता नही क्यू आराम से बात की।

मीनू मुझे बताओ क्या छुपा रही हो। मुझे धोखा ना दो ऐसे। सतेन्द्र ने गुस्से मे बोला।

नही, ऐसा कुछ नही किया मैने। ऐसा क्या हुआ, मैने तो ऐसा कुछ किया भी नही। आप शक करना छोड़ दो नही तो किसी दिन मै ही आपको छोड़ दूँगी। मीनू ने गुस्से मे बोला।

पता है कितना सच बोल रही हो। दुसरे नंबर से जिसके अन्त मे 29 से तुम व्हाटसाप चलाती हो, और मुझसे बात नही करती। मैने मेसेज किया तो ब्लॉक कर दिया। सतेन्द्र  ने बोला।

लेकिन वो नंबर तो प्रिंस के पास है वही उसको चलाता है। मीनू ने बताया।

लेकिन उसमे तुम्हरा DP है और स्टेटस मे भी तुम्हरा फोटो है। बोल रही हो भाई चला रहा है। ऐसे कैसे तुम्हरा फोटो लगा लेगा वो। सतेन्द्र ने कहा।

2मिनट के लिये, मीनू चुप, जैसे किसी की चोरी पकड़ी गई हो।

मैने भाई को बहुत डाँटा है कि, मेरा फोटो क्यू लगया। वो कह रहा है ऐसे ही लग गया। अब भाई है क्या कर सकती हूँ।

सतेन्द्र उसकी बात सुनता रहा। दिमाग कह रहा था कि सब धोखा है, फरेब है। तोड़ दे ऐसे रिश्ते को। जो रिश्ता ही झूठ पर टिका हो उसका क्या भविष्य। लेकिन ये दिल, ये दिल ना कुछ सुनता है ना कुछ समझता है। दिमाग की बात क्यू नही मान लेता ये दिल। महबूब का झूठ सामने पकडा भी जाये तो भी मानने को राजी नही होता की वो गलत है। ये दिल अपना पहला प्यार कैसे भूल जाये।

उसको दिल की परेशानी है ऐसे मे उसको छोड़ दिया तो क्या फर्क राह जायेगा रमेश मे और सतेन्द्र में। प्यार की जंग मे दिमाग हमेशा दिल से हार जाता है और वही हुआ भी। पता नही दिल कैसे दिमाग के सारे तर्क, सबूत, सच सबको नाकारा साबित कर देता है। 

सतेन्द्र ने बोला ठीक है उसको बोलो तुम्हरा फोटो ना लगाये अब। और तुमको व्हाटअप चलाना है तो अपने नंबर से चलाओ।

नही चलना कुछ। डाक्टर मना किया है, एग्ज़ाम है और आप ऐसे ही शक करते हो बेकार मे, मत करना मुझसे बात अब कभी। मीनू ने नाराज होकर बोला।

अच्छा बाबा। नही करुँगा अब शक। मां से बात करवाओ। सतेन्द्र ने बोला।

लो कर लो मां से बात मीनू ने फोन मां को दे दिया।

प्रणाम मां जी। सतेन्द्र ने कहा।

खुश रहो बेटा।

जनवरी मे ऑप्रेशन है तो मैं पैसा डाल रहा हूँ आपके अकाउंट मे। सतेन्द्र ने कहा।

आप पैसा मत डालना, मै इन्तजाम कर लुंगी, आपने इतनी मदद की और मदद नही ले सकती अब।

आप नही लोगी तो मीनू के अकाउंट मे डाल दूंगा। कम दूंगा लेकिन दूंगा जरूर। सतेन्द्र ने जिद्द करते हुए बोला।

ठीक है जैसा ठीक समझो। मां ने कहा।

सतेन्द्र कोई करोड़पति तो था नही, दोस्तों से उधार लेकर, चालीस हज़ार रुपये ट्रांसफर कर दिये।

बाबू मै ये पैसा नही ले सकती। मां बोल रही है ना देखा है, ना मिले हो और बार-बार इतनी मदद, नही ले सकती अब और नही ले सकती। मीनू ने बोला।

तुम ये सब मत सोचो और पैसे निकाल लाओ। मां को मै समझा दूंगा। अब ज्यादा दिन नही है। तुम इलाज करवा कर ठीक हो जाओ। और मेरा मन भी तुमसे मिलने को बैचैन है। मै तैयारी करता हूँ। छुट्टी ले ली है मैने। सतेन्द्र  ने बताया।

औह सच बाबू। जल्दी आ जाओ ना मिलने। मीनू ने बड़े प्यार से बोला। लव यू बाबू जल्दी आना।

सतेन्द्र ने छुट्टी ले ली लेकिन टिकट ना मिलने के कारण ऑप्रेशन से पहले नही आ पाया।

बाबू क्या हुआ। नही आओगे तो मै नही जा रही। मीनू ने बोला।

जाओ, मै जल्दी आ जाऊंगा। मेरे हाथ मे नही है, अगर होता तो उड़ कर आ जाता अपनी मीनू के पास। सतेन्द्र ने प्यार से समझाया।

अब क्या होगा। क्या ऑप्रेशन सफल होगा? क्या सतेन्द्र और मीनू एक हो पायेंगे। क्या मीनू ने सच कहा की उसकी जिन्दगी मे कोई और नही है। क्या होगा इस प्रेम कहानी का परिणाम। आपको ये पता चलेगा इस कहानी के छठे और अन्तिम भाग मे।









जैसा आपने अब तक पढ़ा कि कैसे रमेश की दोस्ती मीनू से एक "रॉन्ग नंबर" के कारण हो जाती है। जिसके बारे मे उसका दोस्त सतेन्द्र सब जानता है। रमेश से दोस्ती टूटने के कुछ दिनो बाद मीनू सतेन्द्र को ही प्रेम निवेदन कर देती है। सतेन्द्र उसको स्वीकार करके हर तरह से उसकी मदद करने लगता है, उसकी पढ़ाई का सपना पूरा करवाता है। मीनू के प्यार मे डूबते हुए दिन जैसे उड़ते जा रहे थे। मीनू ने पढ़ाई शुरु कर दी थी और वो बहुत खुश थी। लेकिन मीनू धीरे-धीरे दूर होती जा रही है। मां से बात कर्के मां को समझया कि मीनू की जिम्मेदारी अब वो उठायेगा। मीनू की हर मदद की, मीनू ने एग्ज़ाम के नाम पर बात करना कम किया लेकिन दुसरे नंबर से व्हाटसाप चलाने लगी, बहुत लडाई हुई। आखिर मे ऑप्रेशन का दिन आ ही गया लेकिन सतेन्द्र नही पहुंच पाया। अब अब आगे....

सतेन्द्र के बहुत मनाने पर मीनू ऑप्रेशन के लिये तैयार हुई। और सतेन्द बस ये ही दुआ कर रहा था की सब ठीक हो जाये।

हेलो। क्या कर रही हो। सतेन्द्र ने फ़ोन किया।

बाबू बहुत डर लग रहा है, मै मरना नही चाहती बाबू। जल्दी आ जाओ ना। मुझे कुछ हो जायेगा तो। मीनू रोते हुए बोली।

तुम चिंता ना करो। कोई बात नही की मुलाकात नही हुई मेरा तन यहां है लेकिन मन तो तुम्हारे ही पास है ना पगली। मुझसे बात करना ऑप्रेशन से पहले। सतेन्द्र बोला।

हाँ बाबू जरूर करूंगी। मीनू ने रोते हुए कहा।

मीनू रोना नही। कुछ नही होगा। अब आराम करो। बाय।
सतेन्द्र ने ये कहते हुए फोन काट दिया।

अस्पताल मे बात करने का अवसर नही दिया गया तो मीनू से सतेन्द्र की बात 6 दिन नही हो पाई। लेकिन मां और बहन से बात करके वो दिन मे बहुत बार हालचाल जानता रहता।

एक दिन जब मां को कॉल किया तो मीनू के पापा भी थे उनके साथ।

मांजी ऑप्रेशन हो गया सही से ना? सतेन्द्र ने पूछा।

हाँ ठीक से हो ही गया। अभी खाना खा रहे है, मीनू के पापा भी यही है अभी। मां ने बोला।

क्या उनको भी मेरे बारे मे पता है? सतेन्द्र ने पूछा।

हाँ सबको पता है। मां ने कहा।

अच्छा है, तो शादी की बात मे परेशानी नही आयेगी। सतेन्द्र ने मन मे खुश होकर सोचा। और पूछा, मीनू कहाँ है उससे बात हो सकती है क्या?

नही, डाक्टर अभी नही मिलने दे रहा, मीनू के पापा भी सुबह एक बार ही मिलकर आये थे, वो भी बस 2 मिनट।वो ठीक है 2-4 दिन मे जब सब ठीक हो जायेगी तो कीजियेगा बात। मां ने कहा।

अगर कोई परेशानी हो तो कॉल कीजियेगा आप। सतन्देर ने बोला और कॉल काट दी।

मीनू से सतेन्द्र की बात 6 दिन बाद हुई।

हेलो, बाबू कैसे हो? मीनू ने कॉल करके कहा।

बहुत खुश मेरी मीनू का ऑप्रेशन हो गया और तुम ठीक हो गई। मुझे अब क्या चाहिये? सतेन्द्र ने कहा

बाबू सॉरी, उस टाईम बात नही कर पाई, डाक्टर नही करने दिया। मीनू ने कहा

मुझे पता है, मां से रोज बात होती थी। तुम्हारे लिये खुशखबरी है कि मै पांच दिन बाद आ रहा हूँ। फिर तुमसे मिलने आऊंगा। कुछ चाहिये तो बता दो लेता आऊंगा। सतेन्द्र ने पूछा।

नही बाबू, बस तुम आ जाओ। मुझे क्या चाहिये। मेरा शोना सा प्यारा सा बाबू। मीनू ने प्यार जताते हुए कहा।

अरे! आ तो रहा हूँ ना मै। कुछ और चाहिये हो तो बता दो।

चलो एक अच्छा सा स्पीकर ले आना। FM वाला। तभी अनू ने आवाज दी मेरे लिये एक ड्रेस भी अच्छी सी। जीजा जी।

ठीक है साली साहिबा के लिये वो भी ले आऊंगा, बता दो उसे। और जो तुमने कहा वो भी।

सतेन्द्र खुश होकर मार्किट जाकर सब सामन खरीद लाया। मीनू के लिये गोल्ड के झुमके लिये। दो अच्छी सी घड़ी। और वो सब जो मीनू ने बोला था। पैसे कम थे लेकिन प्यार के लिये कुछ ऑफ़िस से ऐडवांस लिया और कुछ दोस्तो से उधार। और आपने गांव आ गया।

मै पहुंच गया। सतेन्द्र ने मीनू को फोन किया।

मेरे पास कब आओगे? मीनू ने पूछा।

अरे हाँ बाबा जल्दी आता हूँ। मै तो तुम्हारे लिये ही आया हूँ। तुम चिंता ना करो। आज ही आया हूँ 2-4 दिन के बाद ही आऊंगा। घर वालो को अच्छा नही लगेगा ना कि आज आया 2 साल बाद और अभी चल दिया। सतेन्द्र ने प्यार से कहा।

हाँ बाबू। मै इन्तजार मे हूँ। जल्दी आना मेरा बाबू। मीनू ने रोमांटिक होते हुए बोला।

अरे तुमसे मिलने ही तो आया हूँ। मुझे बहुत जल्दी है तुमको गले लगाने की। सतेन्द्र ने भी उसी अंदाज मे जवाब दिया।

अच्छा जी, गले लगाना है। भूल जाओ। नो गले मिलना। समझे। मीनू ने चिड़ाते हुए बोला।

देखते है। आता हूँ जल्दी। बाय। सतेन्द्र  की मां ने खाने के लिये बुलाया था।

चार दिन बाद सतेन्द्र कानपुर आ गया होटल बुक किया। लेकिन एक प्रॉब्लम थी कि उसका फोन चोरी हो गया था और नया सिम चालू नही हुआ था। तो कॉल नही कर पा रहा था कहीं भी। होटल से कॉल किया।

हेलो मेरी स्वीट, स्वीट मीनू मै आ गया।

अच्छा बाबू स्वीट स्वीट, बड़े रोमांटिक हो रहे हो क्या बात है। मीनू मे हँसते हुए कहा।

अरे तुम्हारे पास आने का असर है डार्लिंग। सतेन्द्र बहकते हुए बोला।

औह आज, स्वीट, डार्लिंग क्या बात है। क्या इरादा कर के आये हो। भूल जाओ कुछ उल्टा सीधा सोचा है तो। मीनू ने हँसते हुए कहा।

अरे तुमको चुरा लूँगा, और ले जाऊंगा आपने साथ।  बचके रहना इरादे बिल्कुल अच्छे रोमांटिक, 100% शुद्ध प्यार वाले है डार्लिंग। सतेन्द्र  ने कहा।

अच्छा जी। हमारे यहाँ आकर हमको धमकी। देखते है,  मिलो तो तुम्हारे ही होश उडा दूँगी। फिर देखती हू तुम्हारे 100% शुद्ध प्यार वाले इरादे। हिहिही। मीनू जोर से हंसी।

अच्छा सुनो डार्लिंग एक दिक्कत है। मेरा फ़ोन खो गया, नया लिया लेकिन सिम चालू नही हो पाई है तो कॉल नही कर पाऊंगा। कल सुबह कॉल आयेगी किसी नंबर से तो उठा लेना। सतेन्द्र ने कहा।

हाँ बाबू उठा लुंगी। और आ जाऊंगी जल्दी ही मिलने। कल उनसे पहली मुलाकात होगी, फिर आमने सामने बात होगी, फिर होगा क्या, क्या पाता क्या खबर... मीनू गाना गाने लगी।

वो कल देख लेना स्वीट कि क्या होगा। सतेन्द्र ने हँसते हुए कहा।

अच्छा अब आराम करो। और हाँ, यहा ध्यान से रहना, आजकल लूट पाट ज्यादा होती है ध्यान रखना अपना। मीनू ने कहा।

ठीक है मे ध्यान रखूँगा। पता नही आज की रात कैसे गुजरेगी। सतेन्द्र ने कहा।

अरे बाबू सो जाओ और सपने देखो मिलने के और कल वो पूरे हो जाएंगे। बाय। मीनू ने कहा और कॉल काट दिया।

सुबह 9 बजे ही सतेन्द्र तैयार होकर निकलने लगा तो उसने मीनू को फ़ोन मिलाया लेकिन वो स्विच ऑफ़ आ रहा था। वो बहार निकल गया। बहुत लोगो से एक कॉल के लिये मोबाईल मांगा लेकिन किसी ने नही दिया। बड़ी मुश्किल से एक लडके ने मोबाइल दिया लेकिन फ़ोन अब भी स्विच ऑफ़ ही था।

सतेन्द्र को बडा गुस्सा आया। तभी उसे याद आया कि ये समय तो मीनू के कोचिंग जाने  का है  और अब 12 बजे बजे ही फ़ोन ऑन होगा। ये सोच कर वो मूवी देखने चला गया। 12 बजे फिर बहुत खोजा लेकिन कोई STD वाला नही मिला। इस मोबाइल के जमाने मे वो ऐसे ही खतम हो गये है। फिर किसी ने बताया की पास मे ही STD वाला है। सतेन्द्र ने वहा जाकर फ़ोन किया और मीनू ने फ़ोन उठाया।

तुमको बोला था ना फ़ोन उठाना। मै कितना परेशान हो गया था आज। सतेन्द्र ने गुस्सा होते हुए बोला।

अरे बाबू। कोचिंग गई थी। मालूम तो है आपको। वहाँ फ़ोन नही उठा सकती। मीनू ने कहा।

मुझे यहां का नही पता। तुम कब आओगी, कहाँ मिलोगी? मोबाइल भी नही है। बताओ? सतेन्द्र ने बोला।

आप अभी हो कहा बाबू? मीनू ने पूछा।

मै इंडिया बाज़ार मे हूँ। सतेन्द्र ने बताया।

ठीक है उसके गेट के पास रहना। मै आती हूँ। मीनू ने बताया।

ठीक है, जल्दी आओ। सतेन्द्र ने कहा और फोन काट दिया।

मीनू डेढ घण्टे बाद आई। सतेन्द्र बहुत गुस्सा था लेकिन उसको देखते ही सब भूल गया और उसकी नजरों मे खो गया। सारा गुस्सा उसकी जुल्फों की हवा उडा ले गई। ऐसा लग रहा था की बहार खुद आ रही हो चलकर।

उसने आते ही मीनू को गले लगाया। और ऐसे खो गया कि जैसे दुनिया मे कोई और है ही नही। लोग उनको देख रहे थे। होश मे आते ही उन्होने देखा कि सब उसको देख रहे हैं तो वो अलग हुए।

मीनू बोली चलो पार्क मे चलते है बाबू।

अरे अरे! सुबह से भूखा हूँ। कुछ खिला तो दो बाबू। मार दोगी क्या भूखा ही इस दीवाने को। सतेन्द्र ने बोला।

अच्छा चलो खाना खा लेते है नही तो तुम मेरा दिमाग ना खा लेना। मीनू न हँसते हुए बोला।

दोनो ने खाना खाया और जाकर पार्क मे बैठ गये। हलकी ठंड, गुनगुनाती धूप, और प्यार का मिलन का नशा छा रहा था। वो एक घन्टा बैठ कर बात करते रहे। टाईम पंख लगा कर उड़ रहा था।

तुम तो बोलती थी कि इतना प्यार करती हो अब सच बताओ कितना करती हो। मेरी  आंख मे देखकर बोलो। झूठ बोला तो मै तुम्हारे....

क्या तुम्हारे...। क्या करोगे। बताओ। मीनू ने उकसाते हुए पूछा।

वो मै बोलूंगा नही कर लूँगा समझी। सतेन्द्र  ने बोला।

बाबू! कल मां बोल रही थी कि हमारी शादी नही हो सकती। मीनू ने बोला।

क्या! क्या बोल रही हो तुम। माजाक मत करो। सतेन्द्र ने चौकते हुए कहा।

सच बाबू। तुम छोटे जात से हो तो ये शादी नही हो सकती। लेकिन बाबू मे तुम्हारे सिवा किसी की नही हो सकती। मैने सोचा है कि अगर आप 2 साल इन्तजार करो तो मेरी पढ़ाई भी पूरी हो जायेगी। और उसके बाद मै बोल दूँगी की मै शादी करुँगी तो सिर्फ आपसे। अगर अभी भाग कर शादी की तो पढ़ाई भी बन्द, मां बाबू जी की इज्जत भी खत्म और अनू की जिन्दगी भी खराब कोई उससे शादी नही करेगा बाबू। मीनू बोलती रही।

सतेन्द्र सोच रहा था की अच्छी बात है की ये सबका कितना खयाल रखती है। बहुत अच्छी है मीनू।

बाबू अगर आप इन्तजार नही कर सकते तो आप किसी और से शादी कर लो। मै आपको दोष नही दूँगी। मेरे लिये आपका प्यार काफी है जिन्दगी गुजार लूंगी उसी के सहारे। बाबू अपके अलावा कोई मेरे को नही पा सकेगा। मीनू ने रोते हुए कहा।

अरे डार्लिंग सिर्फ 2 साल ना। मै तो जन्म भर इन्तजार कर सकता हूँ। तुम अपनी पढ़ाई पूरी करो। उसके बाद शादी की बात। कौन सा हम अभी बूढे हो रहे है। 2 साल तो यू निकल जाएंगे डार्लिंग। बस तुम मुझे धोखा ना देना सतेन्द्र ने उसका हाथ पकड कर बोला।

बाबू क्या बोल रहे हो आप मेरे लिये भगवान समान हो
मेरी जान हो आप। लव यू बाबू। मै सिर्फ तुम्हारी हूँ और तुम्हारी ही रहूंगी। मीनू ने सतेन्द्र से कहा।

तभी कुछ लोग जो किसी हिन्दू सेना से थे, वहा से सबको भगाने लगे।

चलो होटल ही चलते है वही थोडी देर बैठेंगे। मीनू ने कहा।

ठीक है चलो।

दोनो वाह 4-5 घण्टे रुके। और अकेलापन पाकर दिल थोडा शरारती होने लगा। प्यार ने अपना असर दिखाया और दोनो करीब आने लगे।

रुको रुको। बाबू बहुत हो गया अब और नही। अब जो होगा शादी के बाद। समझे। मीनू ने शर्माते हुए कहा।

अच्छा डार्लिंग जैसा तुम कहो। सतेन्द्र ने कहा।

इतने सैतान हो पता नही था आज तक फ़ोन पर तो कभी ऐसी रोमांटिक बात नही की आपने बाबू।

बाबू मुझे तुमसे प्यार है। ये दिल से दिल वाला प्यार इसमे शरीर का कोई अस्तितव नही होता ना। मुझे तुम्हारे प्यार की चाहत है ना की इन सब की स्वीटू। सतेन्द्र ने बोला।

अच्छा मेरा बाबू।

तुम अपना फ़ोन क्यू नही लाई। सतेन्द्र ने पूछा।

वो अनू लाने नही दी। बोली तुम दोनो एक दुसरे को देखोगे या फ़ोन। इसे मेरे को ही दे जाओ। हिहिही। मीनू खिलखिला कर हंस पडी।

अब चलो देर हो रही है। अब नही गई तो जा नही पाऊँगी बाबू बड़ी मुश्किल से दिल को समझाया है। मन नही कर रहा बिल्कुल। यही ऐसे ही तुम्हारे पास राह लूं हमेशा के लिये तुम्हारे साथ। मीनू ने कहा और बाहर निकल आई।

अच्छा चलो। ये समान तो ले लो डार्लिंग। सतेन्द्र ने कहा और दोनो बस स्टैंड की और चल पड़े।

मै वापस जाने से पहले एक बार और मिलने आऊंगा। सतेन्द्र ने बोला।

हाँ बाबू जरूर आना। मीनू ने बोला मीनू ने लाया हुआ सामान लिया और जाने लगी।

सतेन्द्र बोला मुझे धोखा ना देना। मैं इन्तजार करूंगा।

लव यू बाबू। ऐसा नही होगा मे आपकी ही हूँ बाबू।

सतेन्द्र की बस चलने लगी। दोनो की आंख मे आंसू थे।

कुछ ही दिन मे मीनू के एग्जाम खतम हो गये। और मीनू ने व्हाटसाप फिर से चलाना शुरू कर दिया।

मै फिर आ रहा हूँ तुमसे मिलने। अब की बार दो दिन रुक जाऊंगा। सतेन्द्र ने मीनू को बताया।

ठीक है बाबू लेकिन।

क्या हुआ? सतेन्द्र ने पूछा।

मां मामा के यहां गई है। वो है नही तो आपको कैसे बुलाऊं। वो आती है तो आना। मीनू ने बोला।

सतेन्द्र को बहुत दुख हुआ क्योंकी मीनू झूठ बोल रही थी।

अभी पांच मिनट पहले ही सतेन्द्र ने मीनू की मां से बात की थी और आने का पूछा था। तो उन्होने बोला आ जाईये, आपका ही घर है। लेकिन मीनू ऐसे मना क्यों कर रही है।

सतेन्द्र ने अनू को फ़ोन लगाया।

हेलो जीजा जी। दीदी को छोड़ कर हमारी याद कैसे आ गई आज। अनू ने मस्ती करते हुए बोला।

मां कहा है। सतेन्द्र ने पूछा।

यही है, बात करनी है क्या? फ़ोन दूँ उनको? अनू ने पूछा।

नही। मै बाद मे कर लूँगा। सतेन्द्र ने कॉल कट कर दी। और सोचता रहा की मीनू ने झूठ क्यू बोला।

उसने अगले दिन मैसेज किया और पूछा मां आई क्या?

नही अभी नही आई। मीनू ने बताया।

मेरे जाने का टाईम होने वाला है, तुम बता दो की मिलना है या नही। क्या करना है वो बताओ।

मीनू ने मैसेज पढ़ लिया मगर कोई जवाब नही दिया।

सतेन्द्र ने फिर मैसेज किया। लेकिन कोई जवाब नही आया। वो बहुत दुखी हो गया क्या हो रहा है उसके साथ। मीनू क्या कर रही है, क्यों कर रही है यही सोच रहा था

चार घण्टे बाद उसका रिप्लाई आया। आप मेरी फिकर छोड़ दो, मुझे नही मिलना। आप अपना जिन्दगी देखो।

क्या? क्या कह रही हो। मै इन्तजार करूंगा ना। तुम्हारे बिना मर जाऊंगा मैं। ऐसा मत करो मीनू। एक बार कॉल पर बात कर लो। प्लीज। ऐसा ना करो। सतेन्द्र ने फिर लिखा।

उसका जवाब नही आया लेकिन वो ऑनलाईन थी।

सतेन्द्र मीनू को ब्लॉक कर दिया और दुखी रहने लगा। शराब पीने लगा घर पर खाना भी नही खाता। जैसा अक्सर होता है। मां ने बहुत पूछा लेकिन उसने कुछ नही बताया। मां भी इसी गम मे बिमार हो गई। कोई मां अपने बच्चे को इस हाल मे देख भी नही सकती।

एक दिन आखिर दिल से हार कर सतेन्द्र ने दिल से हार कर अनू को फ़ोन मिलाया।

हेलो जीजा जी।

जीजा जी मत बोलो। ये बताओ तुमने इतने दिन बताया क्यू नही कि मीनू की जिन्दगी मे कोई और भी है।

मुझे नही पता की दीदी की जिन्दगी मे कोई और है या नही। वो अपना फ़ोन कभी  छूने भी नही देती। आपसे मिलने गई थी तो जबर्दस्ती मेरा फ़ोन ले गई थी। अनू ने बताया।

लेकिन उसने कहा था तुमने नही लाने दिया। सतेन्द्र बोला

नही नही, वो ही नही ले गई थी। और आपको बताऊं तो वो जरा भी दुखी नही है। खुश है। पूरे दिन फोन पर लगी रहती है। अनू ने बोला।

सच बोल रही हो क्या तुम। सतेन्द्र ने जोर देकर पूछा।

जीजा जी आपसे झूठ क्यू बोलूंगी मै? अनू ने बोला

जीजा जी मत बोला करो। बाय। सतेन्द्र ने फोन काट दिया।

सतेन्द्र ने सोचा नही था वो हो रहा था। पहले प्यार, बिना सोचे प्यार हुआ और अब ये बेवफाई। जिन्दगी मे अपना ही सोचा हो जाये तो फिर बात ही क्या?

कुछ दिन बाद सतेन्द्र मलेशिया वापस चला गया। लेकिन उसका मन नही लग रहा था। वो बस ये ही प्रार्थना करता की कैसे भी मीनू वापस आ जाये उसकी जिन्दगी मे।उसका दिल मान ही नही रहा था की उसको धोखा दिया गया है, उसके साथ खेला गया है। आखिर मे उसने व्हाटसाप पर मीनू को मैसेज किया।

मीनू मै तुम्हारे बिना मर जाऊंगा। प्लीज ऐसे मत छोड़ो।।

अब क्यू मैसेज कर रहे हो। तब तो ब्लॉक कर दिया था। तो जाओ जहां भी जाना है। मै तो तुम्हारी याद मे मर रही हूँ। सिगरेट पी रही हूँ। देखो। और सिगरेट पीते हुए एक फोटो सेंड की।

पागल हो गई हो। मैने नही तुमने मुझे छोड़ा है तुमने छोड़ा है और तुम ही मुझे सुना रही हो क्या बात। और सिगरेट पी कर अपना जीवन खराब मत करो। दिल का इलाज हुआ है अभी। सतेन्द्र ने बोला।

ठीक है मर जाऊंगी। तुमने ही मारा है। तुम्हारी वजह से मेरी मौत होगी।  मीनू ने उल्टा इल्जाम लगाया।

ऐसा मत करो। सतेन्द्र ने बोला।

मीनू का जवाब 5-7 मिनट बाद ही आता था।

अभी किससे बात कर रही हो। सतेन्द्र ने पूछ ही लिया।

आपने पति से। मीनू बोली।

औह यानी 10 दिन मे लड़का ढूँढ भी लिया, शादी भी पक्की हो गई।  इतना जल्दी और नाम मेरा की मेरी वजह से सिगरेट पी रही हो मर रही हो। क्या बात। ये सब पहले से चल रहा था तुमने मुझे उल्लु बनाया है। क्यू ये तो तुमको भी पता है और मै भी समझ रहा हूँ। सतेन्द्र ने ताना मारते हुए बोला।

जीजा जी मेरी शादी करवा रहे है। अब कुछ नही हो सकता। भूल जाओ मुझे। और तंग ना करो। मीनू ने बोला

अच्छा तो फोटो दिखाओ उसकी। सतेन्द्र ने बोला।

मीनू ने फोटो भेजी और सोने का कह कर चली गई। लेकिन रात 2बजे तक वो ऑनलाइन ही थी।

सतेन्द्र ने अपने एक दोस्त पवन को जो नेटवर्क मे एक्सपर्ट था को फ़ोन किया और उसे सब बात बताई और बोला की  फेसबूक पता कर सकते हो या कुछ पता लगा सकते हो की कौन है वो लड़का।

पवन ने मीनू के सारे नंबर लिये, उसके भाई, बहन, सबके नंबर लिये और बोला की अगर कोई भी फेसबुक पर होगा तो वो मिल जाएंगे।

फिर उसने मीनू को व्हाटसाप किया।

हेलो। आप बहुत ब्यूटीफुल हो। कहा से हो आप।

कौन। मेरा नंबर कहा से मिला। मीनू ने पूछा।

वैसे ही नंबर ट्राई कर रहा था तो आपका फोटो दिखा। तो सोचा बात कर लूं। क्या आपसे दोस्ती हो सकती है।

नही मेरा बॉय फ्रेंड है। मीनू ने बोला।

लगता नही। झूठ बोल रही हो। पवन ने बोला।

क्यू कैसे जाना। है मेरा bf. मीनू ने बोला।

दिखाओ तो मानूँगा।

क्यू दिखाऊं, और मानो या ना मानो मेरा क्या। मीनू ने बोला।

अच्छा सुंदर नही होगा, तभी दिखाने मे शरम आ रही है। पवन ने उकसाया।

ये देखो। और बाय। मीनू से फोटो भेज दिया

फोटो पर डेट 2साल पुरानी थी। वो फोटो उसने सतेन्द्र को भेज दी। वो फोटो उस फोटो से अलग थी जो मीनू ने सतेन्द्र को भेजी थी। और फोटो की डेट देखकर सतेन्द्र को बडा झटका लगा वो डेट मीनू और रमेश की दोस्ती से भी एक साल पुरानी थी। वो समझ गया की इसने दोनो को धोखा दिया और पता नही कितनो को दिया होगा।अब इसको सबक सिखाना ही है।

इधर पवन ने सारी उसके भाई की फेसबुक id से उस लडके का पता कर लिया और मीनू की ID का भी। जिसमे दोनो की सालो पुरानी फोटो थी। और दोनो रिलेशनशिप मे भी थे। उसने सबके स्क्रीनशॉट ले लिये और सतेन्द्र को भेज दिये।

सतेन्द्र ने गुस्से मे फोटो मीनू को भेज दी और पूछा ये कौन है। तुम तो कह रही थी मेरी वजह से मरोगी, जीजा  जी ने शादी पक्की करवाई। मेरे सिवा तुमको कोई छू भी नही पायेगा, तो ये कौन है जो 2 साल पुरानी फोटो मे है?

मीनू ने सतेन्द्र को तभी ब्लॉक कर दिया।

सतेन्द्र ने तभी दुसरे नंबर से मैसेज किया और फेसबुक के स्क्रीनशॉट भेज दिये। जिसे देखते ही मीनू के होश उड़ गये। उसे ये यकीन नही हो रहा था की इसका पता कैसे चल गया।

अगर आप ने कभी मुझको सच्चा प्यार किया है तो उसे कुछ ना बताना। मीनू ने मैसेज किया और तुरंत कॉल किया।

मै आपके हाथ जोड़ रही हूँ। मेरी जिन्दगी बचा लो। मुझे माफ कर दो। उसे कुछ ना बताना। मै उसके बिना मै नही जी सकती। उसे कुछ ना बताना। मेरी शादी होने वाली है उससे। सब राजी है। वो मेरी जात का भी है और मुझे खुश भी रखेगा। मीनू लगातार रोते हुए बोले जा रही थी।

जिन्दगी सबकी होती है। तुमने मेरी जिन्दगी खराब कर दी। मै भी तो तुमको इतना चहता था ना। तुम्हारी वजह से ही मेरी मां भी बिमार है। तुमने जो मेरे साथ किया उसके बाद भी मेरे ही प्यार का वास्ता दे रही हो। मैने तुमसे कितनी बार पूछा की कोई और है तुम्हारी जिन्दगी मे तो बता दो तुमने नही बताया। मेरा यकीन प्यार से उठा दिया और अब प्लीज प्लीज बोल रही हो। अब समझ आया किसी को खोने का ड़र क्या होता है। तुमने मेरे दिल से खेला। मेरे दिल मे सारे सपने बसा कर दिल ही तोड़ दिया। अगर सिर्फ दोस्त भी होती तो भी मै मदद करता लेकिन तुमने.....। अब क्या फायदा इन बातों का। भगवान की ये ही मर्जी होगी। आखरी बार एक बात मनोगी? सतेन्द्र ने पूछा।

हाँ सारी बात मानूंगी बस आप माफ कर दो। मीनू ने बोला।

प्रदीप को कभी धोखा ना देना। उसने भी बहुत सपने देखे होंगे। और किसी को भी धोखा दिया है या दे रही हो तो उसको बता दो आज ही। खुश रहो। और कभी मुझे फोन या मैसेज ना करना आज के बाद वर्ना मै प्रदीप को सब बता दूंगा। सतेन्द्र ने कहा और फ़ोन काट दिया।

उसको अपनी मां की याद आई जो सिर्फ उसकी वजह से बिमार थी। और उनको फ़ोन मिलाया।

मां। कैसी हो।

बस बेटा। तू कैसा है?

मां आज से बिल्कुल ठीक हूँ। आप जो कहोगी, जैसा कहोगी वो ही करूंगा। बस आप अच्छी हो जाओ।

तू ठीक हो जा बस मै तो ठीक हो ही जाऊंगी।

और तुझे ठीक करने का एक ही तरीका है कि कोई तेरा खयाल रखने वाली लानी होगी। अच्छा अगर मै लड़की ढूँढ दु तो तू शादी करेगा ना।

ठीक है मां जो तुम कहोगी। लेकिन कुछ टाइम चाहिये।

ठीक है बेटा अब मै ठीक हो जाऊंगी।

मै जल्दी ही वापस आउन्गा मां।

सतेन्द्र ने कह तो दिया लेकिन दिल को कैसे सम्भालेगा। पहला प्यार भुलाने मे तो सदियाँ बीत जाती है। मां को बोल तो दिया लेकिन क्या होगा कैसे होगा उसे खुद नही पता था।

वो बस ये ही सोच रहा था की अगर वो रॉन्ग नंबर ना लगा होता तो आज जिन्दगी कुछ और होती। सही भी तो है जो नंबर खुद ही रॉन्ग था वो सही रस्ते पर ले भी कैसे जाता।


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