नन्हे-मुन्हे

उन नन्ही नन्ही आंखों का,
धीरे से खुल जाना ऐसे।
उन नाजुक नाजुक होठों से,
धीमे से मुस्काना ऐसे
दुनियां की सारी सत्ताएं,
जीत ना पाये एक उस पल को,
देख तुम्हें मह्सूस ये होता,
जीवन का फिर पाना जैसे।

सुर मय तेरा वो रोना ज्यों,
गीत स्वयं भामा ने गाये।
मधुर मधुर बोली वो तेरी,
जीवन का एक राग सुनाये,
स्वपन सा वो अह्सास तुम्हरा
छुअन तुम्हारी, साथ तुम्हरा,
नींद तुम्हारी, इतनी नाजुक,
ओस का छन्न से गिर जाना जैसे,
देख तुम्हें मह्सूस ये होता,
जीवन का फिर पाना जैसे।

तुम आये, जीवन मे मेरे,
इन्द्रधनुष का रंग फैलाये,
तुझको कोई दर्द मिले न,
जो कुछ हो मुझको मिल जाये,
जीवन मे सारी खुशियां बस,
तेरे ही हाथों मे आये।
उन नाजुक, कोमल हाथों का,
इन हाथों मे आना ऐसे,
देख तुम्हें मह्सूस ये होता,
जीवन का फिर पाना जैसे।

भामा- देवी सरस्वती का एक नाम

Comments

  1. प्रिय विश्व जी रचना किसी शिशु के आगमन का संकेत दे रही है | वात्सल्य से भरे उदगार नौनिहाल को समर्पित हैं जो मन की अतल गहराइयों से निकले हैं | माता पिता के लिए संतान से बढ़कर कोई दौलत नहीं होती | ये एहसास शब्दों से परे और आह्लादित करने वाला है | नन्हे शिशु के लिए हार्दिक स्नेह और उज्जवल भविष्य की ढेरों कामनाएं |

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