मुस्काये कैसे
दिल मे छोटा सा जो गम है,
तुझको ये बतलाये कैसे।
साजन तेरे जाने का दिन,
खुलकर हम मुस्काये कैसे।
प्रेम भरा आलिंगन साजन,
मधुर मिलन की फिर अभिलाषा,
रो रो कर कहता है ये मन,
पास रुको कुछ साजन ज्यादा,
दो दिन मे अभिलाष का सागर,
बोलो हम भर पायें कैसे,
साजन तेरे जाने का दिन,
खुलकर हम मुस्काये कैसे।
कर्तव्य पथ पर तुमको तो बस,
प्रेम छुपा कर जाना होगा,
दिल मे रख कर आस का दीपक,
मुझको तो मुस्काना होगा,
दिल को दिल का हाल पता है,
देख तुझे रो जाएं कैसे,
साजन तेरे जाने का दिन,
खुलकर हम मुस्काये कैसे।
प्रेम पर मेरे बस तेरा ही,
जन्मो तक अधिकार रहेगा,
राह मे तेरी बिछ-बिछ जाना,
हमको तो स्वीकार रहेगा,
तुम बिन लेकिन गीत मिलन का,
दिल मेरा गा पाये कैसे,
साजन तेरे जाने का दिन,
खुलकर हम मुस्काये कैसे।
अंतिम रात पहर अंतिम है,
अंतिम ये जीवन के मधु क्षण,
तेरे बिन तिल तिल गुजरेगी,
आंखें बिछ जाएंगी कण कण,
प्रेम को अपने पाश बना कर,
तुझको बस हम पाएं कैसे,
साजन तेरे जाने का दिन,
खुलकर हम मुस्काये कैसे।
प्रेम पर मेरे बस तेरा ही,
ReplyDeleteजन्मो तक अधिकार रहेगा,
राह मे तेरी बिछ-बिछ जाना,
हमको तो स्वीकार रहेगा,
तुम बिन लेकिन गीत मिलन का,
दिल मेरा गा पाये कैसे,
साजन तेरे जाने का दिन,
खुलकर हम मुस्काये कैसे
सुंदर!!!!! आकंठ प्रेम में निमग्न मन के स्नेहिल उदगार | प्रिय विश्व जी - सस्नेह शुभकामनायें |