ऐसे न आया करो
तुम चाँद सा ये चेहरा लेकर,
छत पर ऐसे न आया करो।
दिल से तुम न खेला करो,
तुम सबको न भरमाया करो।
जो छू लो तो आ जाएगी,
ठूठों पर भी कोमल कोपल।
जो हंस दो तो छा जाएगी,
बेरंगी पर, रंगीली रौनक।
चलती हो दिल बिछ जाता है,
यूँ आँचल न लहराया करो।
दिल से तुम न खेला करो,
तुम सबको न भरमाया करो।
जब इश्क़ हुआ तो न जाने,
कैसे कैसे जज्बात बहे।
तुमने जीवन झंझोड़ दिया,
तूफान कई एक साथ सहे।
दिल काली घटा से डर जाता,
तुम जुल्फे न बिखराया करो।
दिल से तुम न खेला करो,
तुम सबको न भरमाया करो।
है आग का ये दरिया लेकिन,
मैं पार उतरना न चाहूं,
डूबा हूं डूबा ही रहूं,
मझधार उबरना न चाहूं,
मुझको आंखों में रहने दो,
तुम पलके ये न झुकाया करो।
दिल से तुम न खेला करो,
तुम सबको न भरमाया करो।
22 जून, 2019
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