झलक तुम्हारी देखी

एक झलक तुम्हारी देखी,
दिल अब तक थमा नही है,
हर ओर नशा सा छाया,
दिल अब तक रमा वहीं है।


दिन महीने सालों गुजरे,
पर चैन नही है आया,
दिल के अम्बर पर तूं ही,
बन चाँद है कब से छाया,
तब से पूनम हैं रातें,
अब कोई अमा नही है।
एक झलक तुम्हारी देखी,
दिल अब तक थमा नही है।


कोई तो होगी सूरत,
फिर साथ तुम्हारा पाऊं,
जम कर बैठूं पीने मैं,
हर जाम तुम्हारा चाहूं,
वो जाम पिला जो साकी,
दुनिया में बना नही है,
एक झलक तुम्हारी देखी,
दिल अब तक थमा नही है।


तू कह दे तो कह दूं मैं,
दुनिया से सारी कहानी,
दिल अर्पण तुझको कर दूं,
दे दूं ये सारी जवानी,
है पंख लगे स्वप्नों को,
घर कोई बना नही है,
एक झलक तुम्हारी देखी,
दिल अब तक थमा नही है।

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