अनकहे गीत

अनकहे गीत वो, जो तुम्हारे लिए,
थे गढ़े मेरे दिल ने वो, किससे कहूँ।
तुमने तो तोड़ दी, जो सजाई थी एक,
मन के मंदिर में मूरत, किससे कहूँ।


हर तरफ है यही, शोर हुस्न बेवफा,
तुमसे दिल को लगाया, मेरी भूल थी,
इश्क़ करते नही, ये तो खुद हो गया,
तुमसे नज़रें मिलाना मेरी भूल थी,
अब तो सांसे मेरी, खुद पर ही बोझ है,
मैं मोहब्बत हमारी, किससे कहूं।
अनकहे गीत वो, जो तुम्हारे लिए,
थे गढ़े मेरे दिल ने वो, किससे कहूँ।


हो गई दीप सी, ये मेरी जिंदगी,
तेरी राहों में जलती, कि आओगी तुम,
क्या खबर थी मुझे, अजनबी मोड पर,
मैं तेरे साथ, कहकर भूलाओगी तुम
टूटता मैं रहा, हद जो टूटन की है,
टूटने का ये किस्सा मैं किससे कहूँ,
अनकहे गीत वो, जो तुम्हारे लिए,
थे गढ़े मेरे दिल ने वो, किससे कहूँ।

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