लोग अब मेरा रेप नहीं करेंगे, क्योंकि मैं पूरी जल चुकी हूं

लोग अब मेरा रेप नहीं करेंगे, क्योंकि मैं पूरी जल चुकी हूं ये वो लाइन है अगर ये पढ़कर किसी को डर नही लगता तो उनकी निर्भिगता को प्रणाम है। प्रणाम पिछली सब नपुंसक सरकारों को, प्रणाम बेटी बचाओ का नारा देने वाली नपुंसक सरकार को।

नीचे दिए गए दोनो लिंक खबर नही है वो सच्चाई है। पहले वो खबर पढ़ लें, पहले लिंक की पूरी खबर मैने कॉपी की है। हमारे समाज की वीभत्स सच्चाई। ऐसी खबर कोई एक दिन की नही रोज की है। वैसे हो भी क्यों न, जब हमारे नेता लोकतंत्र के मंदिर में पोर्न देखते हैं, विधायक पर रेप के आरोप हो लेकिन सरकार कुछ न करती हो, पुलिस आरोपियों को इसलिए न पकड़ती हो कि वो किसी नेता का भाई, बेटा है किसी पूंजीपति का खास है और अपना ट्रांसफर करवाने से बचना है या किसी खास कमाऊ जगह करवाना है। वहां अगर ऐसी घटनाये होती भी हो तो कौन सा फर्क पड़ता है।

जब नेता ये बयान देते है और महिला संघठन भी कि लड़कियां कम कपड़े पहनती है, रात देर तक घूमती है इससे लड़के रेप के लिए उत्साहित होते है, लड़को से जवानी में भूल हो जाती है और सरकार उनको मंत्री बना देती है। तक कहिये रेप करने का या कुछ गलत करने का प्रोत्साहन नही मिलता क्या। कुछ खबरे छोटी बच्चियों से दुष्कर्म की भी आती है 2 साल, 4 साल, 9 महीने, कोई ये बताएगा कि ये बच्चे कौन से कम कपड़े पहन कर लोगो लो प्रोवोक करते है रेप के लिए। ऐसे बोलने वालों को सरे आम गोली मार देनी चाहिए। ये गुनाह नही है जिसके लिए केस चले, चले भी क्यों, जो बोला सबने देखा क्यों न्याय का मज़ाक उड़ाया जाता हैं।

कुछ समय तक मीडिया भले ऐसे मुद्दे उठाता था लेकिन अब, वो भी सरकारों और पूंजीपतियों की गोद मे है। सारे न्यूज़ चैनल और अखबारों पर उद्योगिक, पूजीपतियों का कब्जा हो चुका है। जो अपने फायदे के लिए खबर दिखाते या नही दिखाते। किसी को शक हो तो एक चैनल द्वारा इस सदी के पहले दशक में स्टिंग न दिखाने के लिए 100 करोड़ की मांग करना न भूल जायेगा। वो चैनल आज भी है तो कैसे उम्मीद कर सकते है कि मीडिया दिखयेगा।

सब सरकारों को डूब मरना चाहिएं चाहे किसी की भी हो किसी भी राज्य की हो केंद्र की हो। क्या कमीनापन है सरकारों का कि कई सालो तक रेप की FIR तक नही होती। क्या पुलिस और नगयपालिका को सांप सूंघ जाता है जैसे ही किसी बड़े नेता के आदमी द्वारा कुछ गलत होता हैं  ये तो यकीनन है कि इस केस में भी पूंजी पति और अंत मे किसी नेता का नाम जरूर होगा। अब सब मोमबत्ती लेकर खड़े हो जाना जब एक पीड़िता की मौत हो जाएं या वो बच भी जाए तो भी जीवन क्या मृत्यु से कम होगा।

मैं और मुझ जैसे भी लिख कर भूल जाएंगे, और फिर इंतज़ार की कब नई घटना हो, कब लिखने को मिले। मीडिया तो TRP-खोर हो गया है। दो तरह की ही खबरें दिखा सकता है जिससे TRP बढ़ जाये या जिससे सरकार की चापलूसी हो।

मुझे डर लगता है, सिर्फ इसलिए नही की मैं एक बेटी का बाप भी हूँ, बल्कि इसलिए और भी की मैं एक बेटे का भी बाप हूँ। ये मीडिया क्या परोस रही है, रेप करो और आजाद रहो। डर कहाँ है? मानवता की निम्तर स्तर पर हम पहुंचते जा रहे है। काश हम रेप को रोक सके, और अगर ऐसा हो तल कम से कम आरोपियों को पकड़े, ऐसे बयान देने वालो को पकड़े क्योंकि ये भी बातों से रेप ही करते हैं।

काश किसी बेटी, बहन, मां को आरोपियों को पकड़वाने के लिए खुद को जलाना न पड़ता। कितना दर्द होगा, इतना दुराचार, फिर इतनी जलन। काश...

ऐसा हर सरकार में होता रहा है और हां जिनको लग रहा हो कि मेरा आरोप किसी पार्टी विशेष की सरकार पर है तो वो सोचता रहे। मेरे को कोई फर्क नही पड़ता। और जिनको ऐसा लगे कि मैं अति कर रहा हूँ, देश का नाम खराब होगा ऐसी बातों से तो ...... छोड़िए क्या कहना ऐसे देशभक्तों को। एन्जॉय कीजिये ये भी।

https://navbharattimes.indiatimes.com/metro/delhi/other-news/im-burnt-all-over-at-least-they-wont-rape-me-now/articleshow/69317478.cms

लोग अब मेरा रेप नहीं करेंगे, क्योंकि मैं पूरी जल चुकी हूं

सुनीता (बदला हुआ नाम) का पूरा शरीर जल चुका है। भयानक दर्द से तड़पते हुए उसने हमसे थोड़ी सी बात की। चेहरे को छोड़कर सुनीता के पूरे शरीर पर पट्टियां बंधी हुई हैं। उसका शरीर 75-80 प्रतिशत जल चुका है। दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती सुनीता का कहना है, 'काश कि मैं मर जाती। कोई भी इस तरह के जख्मों को नहीं झेलना चाहता। लेकिन, अब जबकि मैं जल चुकी हूं, तो लोग कम से कम मेरा रेप तो नहीं करेंगे।

10 हजार के लिए पिता ने बेच दिया

सुनीता से अस्पताल में हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया ने बात की, जहां उसका इलाज किया जा रहा है। सुनीता ने 28 अप्रैल, 2019 तो उत्तर प्रदेश में अपने एक दोस्त के घर पर खुद को खत्म करने की कोशिश की। उनकी कहानी दिल दहला देने वाली है- आरोप है कि सुनीता के पिता ने उसको 10,000 रुपये के लिए बेच दिया था, उसके बाद कई लोगों ने उनका रेप किया और यूपी पुलिस ने सुनीता की शिकायतों को लगातार नजरअंदाज किया।

14 साल की उम्र में ही कर दी थी शादी

23 वर्षीय सुनीता की जिंदगी में कम उम्र में ही मुसीबतें आनी शुरू हो गईं थीं। वह कहती हैं, '2009 में मेरे पिता ने सिर्फ 14 साल की उम्र में मेरी शादी कर दी थी। उम्र में मुझसे कहीं बड़े मेरे पति ने कुछ ही महीनों बाद मुझे छोड़ दिया।'

20 लोगों ने मेरा रेप किया'

कुछ ही हफ्तों बाद, उसके पिता ने कथित तौर पर इसलिए बेच दिया ताकि 'वह अपनी पत्नी के लिए सामान खरीद सके।' सुनीता ने बताया, 'मेरा दूसरा पति एक राक्षस था। उसने बार-बार अपने दोस्तों से मेरा रेप करवाया और क्योंकि लोगों को मेरे रेप और शोषण होने का पता चल गया था तो उन्हें लगता था कि मैं कमजोर और 'उपलब्ध' हूं। 20 से ज्यादा पुरुषों ने मेरा रेप किया और मुझ पर एसिड फेंकने की धमकी दी।'

कभी न्याय नहीं मिला

भयंकर दर्द के बीच सुनीता आरोप लगाती हैं कि उन्होंने न्याय पाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें कभी न्याय नहीं मिला- न ही उनके पिता और न ही पुलिस से। उन्होंने सिसकते हुए कहा, 'मैंने कई बार शिकायत दर्ज कराई लेकिन हमेशा मुझसे कहा गया कि 'जांच की जा रही है।' अक्टूबर, 2008 से अप्रैल, 2019 के बीच कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई। मैं निराश हो गई और फिर मैंने अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला किया।'

दूसरा पति राक्षस था'

सुनीता का दूसरा 'पति' उसके पिता का ही दोस्त था। वह कहती है, 'दूसरा पति राक्षस था। वह हर रोज मुझसे मारपीट, रेप करता था और जबरदस्ती अपने दोस्तों के घर में घरेलू काम करने को कहता था।' आगे कुछ भी बोल पाने में असमर्थ सुनीता इसके बाद दूसरी तरफ सिर घुमाकर, रोना शुरू कर देती है।

मुश्किल वक्त में दोस्त बना सहारा

अपने दोस्त ऋषभ (बदला हुआ नाम) की ओर इशारा करते हुए, सुनीता ने बताया कि मुश्किल के इस पूरे दौर में बस वही एक सहारा रहा है। ऋषभ ने कहा, 'उसके माता-पिता, दो भाई और एक बहन ने उसे छोड़ दिया। ऐसा कोई भी नहीं है जिसे वह अपना कह सके और इस समय उसे सबसे ज्यादा मेरी जरूरत है- एक दोस्त और एक पार्टनर के तौर पर। मैं उसे किसी भी हालत में अकेला छोड़ने नहीं जा रहा।' ऋषभ का आरोप है, 'सुनीता के 3 बच्चे हैं, एक पहले पति से, एक दूसरे पति से और तीसरा उनमें से एक से जिन्होंने उसका रेप किया।' उनका कहना है कि तीनों बच्चे दूसरे पति के पास हैं। वह उन्हें अपने साथ रखता है ताकि उसके लौटने के लिए उन्हें हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सके।

दो अस्पताल बदलकर दिल्ली लाया गया

हापुड़ में दो अस्पताल बदलने के बाद, सुनीता को आखिरकार दिल्ली लाया गया है। अभी उसकी हालत स्थिर लेकिन चिंताजनक है। ऋषभ का आरोप है कि इस सबके लिए उसका पिता ही जिम्मेदार है।

दोस्त शादी को तैयार

ऋषभ ने कहा कि वह सुनीता के इस दर्द से उबरने का इंतजार कर रही है और कानूनी तौर पर तलाक के बाद वह उससे शादी कर लेगा।

https://navbharattimes.indiatimes.com/state/uttar-pradesh/meerut/police-filled-fir-in-hapur-gang-rape-case-after-vicitm-set-herself-ablaze/articleshow/69306044.cms

3 साल पहले हुआ गैंगरेप, पुलिस ने नहीं की FIR, पीड़िता ने लगाई खुद को आग तो दर्ज हुआ केस

समाचार साभार, नवभारतटाइम्स।

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