हमसफर

तुम कहो तो सही, चल चलें हमसफर,
हाथ थामो मेरा, उड़ चलें हमसफर।
चाँद फीका तेरा, वो अजब रूप है,
कैसे घूंघट करे, अब सब्र हमसफर।

वो तुम्हारी झलक जब से देखी प्रिये,
स्वप्नों सी जिंदगी सच मे चहकी प्रिये,
बाग लगने लगी, चाह सजने लगी,
सांस खुशबू से तेरी, है महकी प्रिये,
तुम इजाज़त कहो, हाथ हाथों में दो,
तुमको लेकर चलूं, अपने घर हमसफर।
तुम कहो तो सही, चल चलें हमसफर,
हाथ थामो मेरा, उड़ चलें हमसफर।

तुम महावर लगाए, चली आओ बस,
अपने हाथों में, मेहंदी की खुशबू लिए,
तेरे चंचल इन नैनों अटका है दिल,
मैं तो बहका हूँ तब से, बिना मय पिये,
तुम मुझे थाम लो, लब के ये जाम दो,
दुनिया की हो न कुछ भी खबर हमसफर।
तुम कहो तो सही, चल चलें हमसफर,
हाथ थामो मेरा, उड़ चलें हमसफर।

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