अफसाना
दिल के दर्द को भी, अफसाना समझ बैठे,
हमको भी वो वक्ती, दीवना समझ बैठे।
क्या हाल मेरे दिल का, कह कर तो कोई आये,
खुद गैरो के संग हैं हमको, बेगाना समझ बैठे।
मैं घुट कर रह गया था, जो साथ तूने छोड़ा
दर्द दुनिया सुनकर रोई, वो फसाना समझ बैठे,
दो घूट पिला जो देते, अहसान बहुत होता,
तेरी निगाहों को हम थे, पैमाना समझ बैठे।
जिसको खुदा सा पूजा, दुनियाँ को भुला कर,
वो मेरी मोहब्बत को, भरमाना समझ बैठे।
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