क्या गजब हो गया

क्या गजब हो गया, देख कर के तुझे,
तेरी जुल्फों से मौसम बहकने लगा।
तू जो ऐसे हंसी, फूल खिलने लगे,
दिल पर जादू सा कोई तो चलने लगा।

बिना सावन के आंखें भिगाने लगी
मुझको रह रह तेरी याद आने लगी।
कैसे गुजरेंगी रातें जुदाई की ये,
मुझको चाहत तेरी आजमाने लगी,
आज रंगत नई, जिंदगी पर चढ़ी,
तुमको छू कर समय भी बहकने लगा
तू जो ऐसे हंसी, फूल खिलने लगे,
दिल पर जादू सा कोई तो चलने लगा।

दिल की कोई कहानी सी बनने लगी,
दिल की महफ़िल ये सूनी सी, सजने लगी,
मेरे सपनों में आई जो तूँ मेहरबान,
मेरे सपनों की महफ़िल संवरने लगी,
तूने कैसा असर मुझपर डाला प्रिये,
मैं तो तन्हाई में खुद ही हंसने लगा।
तू जो ऐसे हंसी, फूल खिलने लगे,
दिल पर जादू सा कोई तो चलने लगा।

बात बात पर रूठ यूँ जाना,
मुश्किल चंचल मन को समझाना
तुमसे से हैं सांसो की रौनक,
गीत तुम्हारे बिना क्या गाना,
मुझे तुमसे कोई शिकायत नही, मन
तेरी हसरतों पर ही मचलने लगा,
तू जो ऐसे हंसी, फूल खिलने लगे,
दिल पर जादू सा कोई तो चलने लगा।

ये माना नही हम है काबिल तुम्हारे,
नही मन मे, सांसो में शामिल तुम्हारे,
था ये इश्क़ होना, हमे हो गया है,
भले दूर बैठे ही, तुमको निहारे।
तुमको बनाया खुदा इश्क़ का,
सर ये सजदे में तेरे ही झुकने लगा,
तू जो ऐसे हंसी, फूल खिलने लगे,
दिल पर जादू सा कोई तो चलने लगा।

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