पैमानो ने भी तौबा कर ली,

पैमानो ने भी तौबा कर ली,
आंख जो तेरी पल भर देखी
बहक गया मयखाना खुद ही,
चाल जो तेरी चल कर देखी।

रंग धवल और रूप सलोना,
मचल उठा दिल का हर कोना,
खुशबू तेरी, जुल्फें तेरी,
बहक के यूँ महबूब चलो न,
तितली, पक्षी, फूल और चंदा,
सब देखे बस तू अनदेखी।
बहक गया मयखाना खुद ही,
चाल जो तेरी चल कर देखी।

कैसा होता बिन तेरे जग,
सागर गहरा कैसे कैसे होता,
ऊंचे पर्वत कैसे होते,
सांझ सवेरा कैसे होता,
तुम जो अगर ना होती जग में
क्या करती फिर काम की देवी।
बहक गया मयखाना खुद ही,
चाल जो तेरी चल कर देखी।

नैनो ने लब ने तरसाया,
आंख झुकी, इकरार न आया,
कैसे कैसे जतन किये पर,
तुमको एक ऐतवार न आया।
प्रेम को पोथी पढ़कर भी तुम,
प्रेम को करती हो अनदेखी
बहक गया मयखाना खुद ही,
चाल जो तेरी चल कर देखी।

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