बिखड़ी पंखुड़ियां : वावफा थे

हम वावफा थे, ना तेरी बेवफाई पर रोए,
आदत थी तन्हाई की, ना तेरी जुदायी पर रोए,
क्या कहेगा जमाना, मेरे महबूब को,
बस यही सोच कर, ना तेरी सगाई पर रोए।

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