खौफ का नाम डोडेन (doden) भाग 2

अभी तक अपने पढ़ा कि एक लैब में एक खतरनाक वायरस पर काम चल रहा है। उनके वायरस बनाने की तकनीक और उस वायरस के इस्तेमाल के लिए खुफिया मीटिंग चल रही है, अब आगे देखते है कि क्या हुआ। तो आइए दोस्तों चलते है उसी मीटिंग में....

ज्यादातर मामलों में प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस को पहचान लेती है इसलिए हमारा मकसद ऐसी स्थिति लाना है जिसमे लक्षण बहुत सामान्य हों और वायरस तब तक निष्क्रिय बना रहे जब तक उसकी संख्या बहुत ज्यादा मारक न हो जाये। ऐसे होने पर इसका फैलाव और शिकार बहुत ज्यादा बढ़ जाते है और यही हमारा मकसद है। डॉ चिंग ने आगे बताया।

हमने इसका ऐसा नाम रखा है जो दहशत, खौफ का दूसरा नाम बनेगा। "डोडेन (Doden)" ये एक डेनिश शब्द है जिसका मतलब है मौत। किसी को शक न हो इसलिए सब काम ऐसे करना होगा जैसे सब नेचुरल तरीके से हुआ हो। ये वायरस किसी जानवर से इंसान में आया ये दिखेगा। हमने जिस वायरस की खोज की है उसको अधिकतम नेचुरल ही रहने देंगे बस ये कोशिश होगी की हम उसकी फैलने की क्षमता को बढ़ा सकें वैसे भी हमारा ये वायरस खुद ही बहुत ताकतवर है। ये एक बार फैलाना शुरू होगा तो इसको रोकना बहुत मुश्किल होगा। कई महीने तो ये ही नही पता चलेगा कि क्या हुआ कैसे हुआ। 

अभी तक डोडेन का कोई ज्ञात इतिहास नही है, ये वायरस और इस जैसे सेकड़ो खतरनाक वायरस को हमारे पहले अटलांटिक अभियान के तहत 1984-85 में खोजा गया था। उस जगह बर्फ में सैकड़ों हज़ारो मीटर नीचे ऐसे अनगिनत वायरस, बेक्टेरिया जैसे जीव है। जिनका बाहर आना मतलब मानव जाति का समूल नाश। समझ लीजिए हमारा वायरस उस खतरनाक दुनिया का सबसे छोटा बेबी है। वैसे भी जैसे जैसे बर्फ पिघलेगी इनका प्रकोप होगा ही तो हमने सोचा भविष्य में जो होगा उसका फायदा क्यों न लिया जाए। तो यही विचार करके हमने ये योजना शुरू की है और अब इसके क्रियान्वयन का समय सामने आ गया है। 

मेरी टीम का दूसरा मकसद इसकी वैक्सीन बनाना भी है जिस पर भी काम चल रहा है। जानवरो पर टेस्टिंग स्टार्ट हो गयीं है जो काफी हद तक सफल रही है। जैसे ही और परिणाम आएंगे वैसे ही इंसानों पर इसको टेस्ट करेंगे। इसकी मेडिसिन भी बनाने पर जोर शोर से काम चल रहा है। इसका कोई इलाज या बचाव कर लिए कोई कुछ बनाएं इसमे कम से कम एक साल का समय लगेगा। और इस एक साल से पहले हम अपना खेल कर लेंगें। क्या होगा कैसे होगा इसके निर्धारण के लिए एक अलग टीम मिस्टर हैपिंग के देखरेख में काम कर रही है। तो आगे क्या होना है उनकी ही द्वारा सुनते है। एक और जरूरी बात। कोई इस मीटिंग की या इसमे हुई चर्चा का जिक्र कही किसी से भी नही करेगा नही तो याद रखिये आपका परिवार हमारी निगरानी में ही है। और अगर बात बाहर गई तो याद रखिये ये नही पूछा जाएगा कि किसने बात लीक की। बाकी हमको आप सब पर पूरा यकीन है इसलिए आप लोग यहां हो। तो आगे की बात बताएंगे मिस्टर हैपिंग।

रोबदार चेहरा, काला सूट, टाई, लाल शैतानी आंखें, बलिष्ठ शरीर, के मालिक हैपिंग सधे कदमो से आगे बढ़ते है। उनका चेहरा देख कर ही लग रहा था कि उनका प्लान कितना खतरनाक होगा। मीटिंग में गिने चुने लोग ही थे। मीटिंग बाहर से गेट बंद, कोई ऐसा तरीका नही की कोई बाहर वाला कुछ भी सुन देख सके। हैपिंग ने बोलना शुरू किया। 

हमारे प्लान के कुछ चरण है, जिनको मैं यहां बताने जा रहा हूँ। इस प्लान में किसी भी सूरत में कोई बदलाब नही होगा। जो जैसा है वैसा ही होना है बिल्कुल वैसा। तो हम देखते है पहला चरण क्या होगा। पहला चरण वो हैं जो अभी डॉ चिंग ने बताया वायरस, एंटीडोट, और मेडिसिन का निर्माण और उसका प्रोडक्शन।

दूसरा चरण है इस वायरस के फैलने के बाद दुनिया को जिन चीजों की जरूरत होगी उनका उत्पादन बहुत ज्यादा बढ़ाना। ये बढ़ाया हुआ प्रोडक्शन, ये एक्स्ट्रा प्रोडक्ट हमे तब काम आएगा जब दुनिया इसके लिए मारामारी कर रही होगी। क्योंकि हम अभी सिर्फ प्रोडक्शन बढ़ाएंगे, उसको एक्सपोर्ट नही करेंगे। क्योंकि जब दुनिया मे इसकी डिमांड होगी तो हम इस माल को ऊंचे दाम पर बेचेंगे। और डिमांड इतनी होगी कि हम उसको नही संभाल नही सकते। क्योंकि दुनिया भर में प्रोडक्शन न के बराबर होगा। उस समय हमारा अभी का प्रोडक्शन काम आएगा। ये प्रोडक्शन अलग अलग क्वालिटी का होगा, अमीर देशों के लिए अच्छी क्वालिटी, बाकी के लिए घटिया। वैसे भी उस समय कौन क्वालिटी देखेगा। ये एक्स्ट्रा प्रोडक्ट हम बड़े गोदामो में रखेंगें। देश मे बहुत से ऐसे से नए गोदाम बना दिए गए है, और भी नए जगह को चिन्हित किया जा रहा है शहरों के स्तर पर और राष्टीय स्तर पर एक कमेटी इस माल की जिगरानी करेगी। जितने भी नए गोदाम की जरूरत होगी वो मिल जाएगा। 

प्रोडक्शन में किसी प्रकार की रुकावट न हो इसके लिए रॉ मेटेरियल की निर्बाध सप्लाई का इंतज़ाम किया गया है। अगले कुछ दिन बस नॉन स्टॉप प्रोडक्शन चाहिए उसके बाद कुछ इलाकों में 80 दिन की लगातार बंदी हो जाएगी कंपलीट बन्दी। उसी समय हमारा वार्षिक अवकाश भी होगा जो इस बार लंबा होगा। सभी मुख्य शहर बन्द किये जायेंगे, और जो नही भी किये जायेंगे उनको भी बन्द दिखाया जाएगा लेकिन वहां प्रोडक्शन जारी रहेगा। जो एक्सट्रा टाइम बंदी होगी उसके लिए ही अभी से प्रोडक्शन करना हैं। सभी लोग ध्यान से सुन रहे थे सबके मन मे सवाल था कि आगे क्या होगा। 

अगस्त से शुरू होगा हमारा तीसरा चरण शुरू किया जाएगा। हम डॉ चिंग की बनाई वैक्सीन अपने द्वारा निर्धारित शहरों के हर इंसान को लगाएंगे। चाहे छोटा हो या बड़ा। इस वैक्सीन के असर से ये लोग वायरस के दुष्प्रभाव से बचे रहेंगे लेकिन ये वायरस को फैलाने में सक्षम होंगे। लेकिन ये वैक्सीन क्यों लग रही है किस लिए लग रही इसके बारे में किसी को कुछ नही पता होना चाहिए। ये जरूरी होगा कि हर कोई इस अभियान की परिधि में आये। इन शहरों का बाहर के शहरों से लोगों का आना जाना बंद किया जाएगा केवल विदेशी यात्रियों को ही बाहर जाने को अनुमति होगी। 

उसके बाद नवम्बर ले अंत में हम किसी तरह से ये वायरस को अपने लोगो मे पहुंचा देंगे। इसके दो फायदे होंगे एक तो हमे अपने अपनी वैक्सीन का रिजल्ट पता चल जाएगा और दूसरे हो सकता है कुछ लोग तब भी वायरस का शिकार बने तो हमारी दवाई का भी टेस्ट हो जाएगा। और दुनिया जब ये देख लेगी कि हमने इस वायरस को सफलता पूर्वक रोका है तो वो हमारी दवाई के पीछे भागेगीं क्योंकि उस समय ये उनकी वो मजबूरी होगी जिसका निदान सिर्फ हमारे पास होगा। हमारी फार्मा कंपनियों का नाम दुनिया भर में होगा। हैपिंग कुटिल मुस्कुराहट के साथ बताते जा रहे थे और सब उनकी बात को बड़े ध्यान से सुन रहे थे। 

दिसंबर से हम वायरस को अनेक जगह और माध्यम से लोगों में पहुचायेंगे। होटल, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन में इस वायरस को प्लांट किया जाएगा। क्योंकि पहले ये हमारे लोगो मे फैलेगा तो हो सकता है बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग इसकी चपेट में आ ही जाये और जिन लोगो ने वैक्सीन नही ली वो भी इसकी चपेट में आएंगे। उनके लिए हम पूरी तैयारी कर रहे है अगर गलती से ये वायरस ज्यादा फैलेगा तो हम उसके लिए एक्सट्रा प्लान कर रहे है। हज़ारो एक्सट्रा हॉस्पिटल बेड का इंतज़ाम किया जा रहा है लेकिन ये सब खबरों में तब आएगी जब हम सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे या होने का नाटक कर रहे होंगे। हैपिंग की बातों से लग रहा था कि कोई बहुत बड़ा तूफान आने वाला है जिससे पूरी मानवता दहल उठेगी। 

हमारा सारा ध्यान वायरस ऐसे लोगों तक पहुंचना है जो बाहर से आये हों और जल्दी ही वापस जाने वाले हों। जैसे कि डॉक्टर चिंग ने बताया कि ये वायरस 20 दिन तक अपने लक्षण नही दिखाता तो हमारा लक्ष्य होगा देश से बाहर जाने वाले लोगों में ये वायरस पहुंचाना। ताकि वो अपने यहां पहुंच के हज़ारो लोगों को ये बीमारी दे देंगे। चूंकि इसका कोई लक्षण शुरू में नही आता तो किसी को पता ही नही चलेगा कि ये वायरस कैसे आया कहाँ से आया। शुरू में सबको यही लगना चाहिए कि ये हमारे देश से बाहर किसी को नही फैलेगा। जितने देश इस मुगालते में रहेंगे उनको उतना नुकसान होगा। हैपिंग ने आगे बोला।

अगले चरण में हमारा काम होगा उन्ही खबरों को दिखाना जिसमे लगे कि हम शिकार है। शुरू के महीनों में इस बीमारी को फैलने की बात हमको छुपानी है ताकि लोग हमारे यहां आएं और जाये। करीब 2 महीने तक हम ये बात छुपा कर रखेंगे उसके बाद एकदम से हमारे यहां लाखो लोगों के वायरस से बीमार होने की बात दुनिया के सामने रखी जायेगी। ये बताया जाएगा कि हमने ये खबर छुपाई, हमारी आलोचना होगी कि खबर छुपाई गई साथ ही  हज़ारो लोगो की मौत हुई ऐसी खबरें चलाई जाएंगी। पूरी दुनिया जानना चाहेगी कि क्या हुआ कैसे हुआ, इसके लिए हमारी टीम ऐसे न्यूज़ चलाएगी की ये प्राकृतिक आपदा हमपर अचानक से टूट पड़ी है। हमारी एक्सपर्ट की टीम अलग अलग बातें फैला कर ये साबित करेंगे कि ये आपदा हमारे ऊपर कही बाहर से आई है। हमारे लाखो लोगोंके मारे जाने हमारी अर्थव्यवस्था की कमर टूटने की खबरों की चलाया जाएगा। हज़ारो लोगों की मौत होने की खबर से कभी भी कोई हमपर शक नही करेगा। और यही बात फैलाना हमारी इस प्लानिंग का सबसे महवपूर्ण चरण है। 

हम हज़ारो लोगो की मौत के वीडियो जारी करेंगे, हज़ारो लाशों को जला देने के वीडियो लीक करवाएंगे। कहानियां होंगी किसी दुश्मन देश ने हम पर जैविक हमला किया है। जो देश हमारी तरक्की से जलते है जिनकी आंखों में आंखे डाल कर हम बात करते ही उन्ही में से किसी देश ने ये काम किया है। हम बच्चों की दर्दनाक वीडयो बनवा रहे है, बुजुर्गों को मौतों का वीडियो बनवा रहे है। ऐसे हज़ारो दर्दनाक वीडियो दुनिया भर में फैलाये जाएंगे। हमारी टीम इसपर काम शुरू कर चुकी है। आप के लिए कुछ वीडियो यहां भी पेश की जा रही है। 

तभी स्क्रीन पर हज़ारो लाशों की फ़ोटो आती है। एक बच्चे  दी दर्दनाक मौत का वीडियो देख कर सब दहल जाते है। बुजुर्ग, बच्चे जवान, पुरुष महिला सभी को मरते हुए का वीडियो सामने पेश किया जाता है। एक छोटा बच्चा अपने परिवार की के लाशों के बीच रो रहा है। हज़ारो लाशों को जलाते हुए का वीडियो भी सामने आता है। सभी लोग आश्चय से देखते है कि ऐसे ख़बर बाहर जाएगी तो कोई भी हम पर शक नही करेगा। हैपिंग आगे कहता ही कि ये तो बस शुरुआत है ऐसे हज़ारो मैसेज और वीडियो बनाये जा रहे है और समय आने पर इनको धीरे धीरे ऐसे पेश किया जाएगा कि जैसे किसी बाहर के मीडिया ने इनको चोरी से लिया है। ये वीडियो बाहर के देशों के मीडिया चैनलों को पहुचाई जाएंगी। हम जितना अधिक ये साबित कर पाएंगे कि हम शिकार है हमारे लिए उतना ही अच्छा है। 

इसके बाद हमारा अगला चरण शुरू होगा वो चरण हमे विश्व मे बहुत बड़ी छलांग देगा। हमारे जद में दुनिया के सभी बड़े देश होंगे। हैपिंग ने आगे बोलना शुरू किया।

क्या होगा ये अगला चरण। और क्या है इससे भी ज्यादा खतरनाक इरादे? इसके लिए जल्दी ही आएगा अगला भाग।











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