तू मेरा इश्क़ था
तू मेरा इश्क था तो चला क्यों गया,
इस जमाने में तन्हा मुझे छोड़कर,
दिल ये रोता रहा दिल तड़पता रहा,
आंख बहती रही बांध सब तोड़कर।
इस तरह तो नहीं थी हमारी दुआ,
इस तरह तो नहीं दी थी हमने सदा,
तुमको माना था अपना खुदा हमने पर,
थी हुई हमसे शायद यही एक खता,
तुमने रुसवा किया पर हमें ये यकीन,
तुम मिलोगे कभी फिर किसी मोड़पर।
दिल ये रोता रहा दिल तड़पता रहा,
आंख बहती रही बांध सब तोड़कर।
कोई हसरत नही कोई चाहत नही,
इस जामने से अब तो शिकायत नहीं,
तू मेरे साथ होता तो कुछ बात थी,
बिन तेरे कोई खुशियों की आहट नहीं,
थाम कर दिल की धड़कन को बैठे हुए,
जिंदगी है मेरी अजनबी मोड़ पर,
दिल ये रोता रहा दिल तड़पता रहा,
आंख बहती रही बांध सब तोड़कर।
रात बीती नहीं न सवेरा हुआ,
न बहारों का गुलशन में डेरा हुआ,
मेरे अंचल में कोई खुशी न गिरी,
न ही आंगन में गीतों का मेला हुआ।
सारे रस्ते हैं कोई भी मंजिल नहीं,
मीत तन्हा गए हैं मुझे छोड़कर।
दिल ये रोता रहा दिल तड़पता रहा,
आंख बहती रही बांध सब तोड़कर।
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