जो तुम रहते...

हाल हमारे दिल का,
देखो तो क्या हो जाता,
जो तुम रहते जीवन में,
मेरा प्यार सफल हो जाता।


मन के भीतर और बाहर,
एक रात सर्द थम जाती,
जब तुम आती यूं लगता,
हो धूप गुनगुनी आती।
सब नीरवता धुल जाती
जग नवल नवल हो जाता।
जो तुम रहते जीवन में,
मेरा प्यार सफल हो जाता।


एक प्रेम की गंगा बहती,
जो अविरल और अविनाशी,
है अमर यही सदियों से,
हो वृंदावन या काशी,
जो जीवन में तुम आते
सब धवल धवल हो जाता।
जो तुम रहते जीवन में,
मेरा प्यार सफल हो जाता।


कई बार कहा था तुमको,
न सोच की जग क्या कहेगा,
खुद अपने मन की सुध लो,
तेरे गम ये जग न सहेगा,
ये बात समझ तुम लेते,
सब कपट विफल हो जाता।
जो तुम रहते जीवन में,
मेरा प्यार सफल हो जाता।


अब सत्य हुआ ही जानो,
एक अनजाना जो भय था,
है वक़्त जो ऐसा आया,
शायद आना ये तय था।
पर हाथ तुम्हारा होता,
तम पार विकल हो जाता,
जो तुम रहते जीवन में,
मेरा प्यार सफल हो जाता।


अब कौन करेगा मन में
नव आशाओं की खेती,
हर रात दिवाली थी जब,
तुम साथ जब मेरे होती
तुम बिन ये सावन सूखा,
है नीरस जग हो जाता।
जो तुम रहते जीवन में,
मेरा प्यार सफल हो जाता।

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