दिल का ठिकाना याद है

यादें

तेरी बाहों में मेरा, दिल का ठिकाना याद है,
तू भले भूली, मुझे, गुजरा जमाना याद है।


हमने खायी थी कसम ये, साथ जन्मो-जन्म का है,
तू जिसे भूली, मुझे हर, वो फसाना, याद है।


कौन कहता है जमाना ये, याद कुछ रखता नहीं,
जग को तो अब तक हुआ जो, हर दिवाना याद है।


तू भले माने न माने, प्यार तू समझी नही,
तेरे दिल पर अब भी चलता, मेरे दिल का राज है।


दिल न भूला आज तक वो, तुझसे मिलने का मजा़,
तेरे दिल में भी अभी तक,  जगह मेरी कुछ खास है।


तू भले समझे न समझे, दिल तेरा सब जानता है,
गूंजती दिल में तेरे सुन, मेरी ही आवाज़ है।


आज भी आया नहीं, इकरार वाला ख़त तेरा,
घर मेरा उजड़ा हुआ बस, ये जहां आबाद है।


किससे कहता दिल की बातें, मैं छुपाता ही गया,
तू ही जब समझा नहीं, जग से क्या फिर आस है।


कल मिले तो शर्म से खुद, झुक गई आँखें तेरी,
तेरी नजरों को अभी तक, प्यार का अहसास है।

Comments

  1. Tujhe kabhi Khud se dur samjha nahi Maine, jab Bhi aankhe band Kari tujhe apne sath paya Maine, meri mohabbat itni kamjor nahi Jo koi alag karde mujhe tujhse, vada kiya tha marte dum tak payar karunga, apna vada nibhaya Maine......

    Well done Vishu....

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  2. Very Nice poetry jiju the Poet

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