बहुत सताया तुमने बीस

नया सवेरा, नया उल्लास, नव उम्मीद लाया इक्कीस,
भूले से भी लौट न आना, बहुत सताया तुमने बीस।

तुमने सारे स्वप्न सुनहरे, एक ही पल में चूर किये,
जितने भी थे आस के दीपक, तुमने सब बेनूर किये,
कितने भूखे, कितने टूटे, मीलों पैरों पर बोझ लिए,
कितनी माओं के बच्चे हंसते, उनसे तूने दूर किये,
न तो संगी और न साथी, बच्चों के मन की ये टीस।
भूले से भी लौट न आना, बहुत सताया तुमने बीस।

तुम फिर उसको न दोहराना, तुम लेकर उस राह न जाना,
तुमसे सबकी आस है जिंदा, तुम न देकर धोखा जाना,
अबकी सारी खुशियाँ होंगी, जन्म दिवस पर बतियाँ होंगी,
नए नए जो स्वप्न सजाए, तुम उनको फिर तोड़ न जाना,
हो ऐसा उन्मांद खुशी का, स्वर्ग भी जाये हमसे खींझ,
नया सवेरा, नया उल्लास, नव उम्मीद लाया इक्कीस।

नया सवेरा, नया उल्लास, नव उम्मीद लाया इक्कीस,
भूले से भी लौट न आना, बहुत सताया तुमने बीस।

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