बिखड़ी पंखुड़ियां : शुक्रिया

जो पलके उठा दो, ये जग संवर जाए
जो पलके झुका दो, ये जग ठहर जाए,
तुम्हे क्या जरूरत कहो शुक्रिया बस,
तुम मुस्कुरा दो, ये जग मुस्कुराए,


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