एहसास जगाया न करो
यूं मोहब्बत के तुम, ख्वाब दिखाया ना करो।
तुम मेरे पास से, मुस्करा के यूं जाया न करो।
तेरे पहलू में मेरे, दिन रात गुजर नहीं सकते,
तुम मेरे दिल में वो, एहसास जगाया न करो।
दिल को तन्हाई में रहने की बुरी आदत है,
दर्द को दिल मे सजोने, की बुरी आदत है
तुम तो परदेशी हो, चल दोगे, न जाने कब,
यूँ ही दिल को मेरे, आ कर बहकाया न करो
तुम मेरे दिल में वो, एहसास जगाया न करो।
मैने दरवाजा मेरे दिल का, खोला जो कभी,
जो मेरे दिल में हैं, तुमसे वो बोला जो कभी,
फिर मेरी चाहत की, लहरों से न बच पाओगे।
तुम मेरे दिल का, यूं दरवाजा, खटखटाया न करो।
तुम मेरे दिल में वो, एहसास जगाया न करो।
है मोहब्बत तो मुझे, अपने ले साथ चलो,
दूर तक तुम ही मेरे, हाथ ले हाथ चलो,
मुझको तो है ये पता, तुम मेरे होगे नही,
तुम मेरे दिल का जहां, यूं मिटाया ना करो
तुम मेरे दिल में वो, एहसास जगाया न करो।
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