है बहुत खूबसूरत हसीन रात ये

है बहुत खूबसूरत हसीन रात ये,
तेरी जुल्फें और तारों की बारात ये,
जुगनुओं आओ, दामन को रोशन करो,
है मोहब्बत की दिलकश शुरुआत ये।


देखूं छत पर तुम्हें रोज आती हुई,
धूप में जेठ की मुस्कुराती हुई,
दर्द दिल में छुपा कर जो रखा सनम,
रोज जाती हो उसको बढ़ाती हुई।
सारे फूलों से जग के, तुम तो हसीं,
नाज़ जिसपर करे बाग, तुम वो कली।
टूट कर प्यार हो कोई ऐसा जतन,
कितनी दिलकश मोहब्बत की बरसात ये,
जुगनुओं आओ दामन को रोशन करो,
है मोहब्बत की दिलकश शुरुआत ये।


वो मुझे देखकर मुहँ बनाना तेरा,
अपनी जुल्फों में, अंगुली फिराना तेरा,
मौसमों को न बहकाओ ऐसे प्रिये,
हुस्न से बाग, न यूं जलाओ प्रिये। 
तेरी जुल्फों ने उड़ उड़ बताया मुझे,
टूट कर आज बरसेगा सावन यहां।
बहके-बहके कदम, बहका-बहका समां,
रात बहकी, तेरी ही है सौगात ये।
जुगनुओं आओ दामन को रोशन करो,
है मोहब्बत की दिलकश शुरुआत ये।


आज का जो था वादा वो कल का हुआ,
रंग उल्फत का शायद है हल्का हुआ,
कुछ भरें रंग फिर से चलो प्यार से,
उम्र का हमने माना धुंधलका हुआ,
पर मोहब्बत जवां थी जवां ही रही,
रूठती भी दिखी मेहरबान भी रही,
जलते-जलते रहे मेरे मन के दीये,
रोशनी की हो जैसे कायनात ये।
जुगनुओं आओ दामन को रोशन करो,
है मोहब्बत की दिलकश शुरुआत ये।


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