तुमसे बेहतर
तुमसे बेहतर मुझको कोई,
आस भी हो, तो कैसे हो,
बिना तुम्हारे दिल को कोई,
प्यास भी हो, तो कैसे हो,
कैसे हो कि तेरा मेरा,
मिलन जगत को भा जाए,
तुम न हो और सारे जग का,
साथ भी हो, तो कैसे हो।
गीत कोई मधुकर गाये तो,
मानो खिलने की तैयारी,
करके उपवन बाट जोहता,
कब पुष्पित हो फुलवारी।
हर डाली है महक महक ज्यूँ,
प्रियतम को ही याद करे,
आ भी जाओ, आ भी जाओ,
मृदुल, मधुर, मनुहार करे,
बिना तुम्हारे इस जीवन की,
शुरुआत भी हो, तो कैसे हो।
तुम न हो और सारे जग का,
साथ भी हो, तो कैसे हो।
तन्हा तन्हा, भोला भाला,
खुशियों से अनजान था दिल,
तुम न थे तो, तेरे बिना बस,
कितना ये बेताब था दिल,
जाम सभी फीके फीके से
पीने में कुछ नशा न था
तुमसे पहले शाम यही थी,
दिल को कोई जंचा नही,
बिना तुम्हारे, खुशियों की अब,
बात भी हो, तो कैसे हो।
तुम न हो और सारे जग का,
साथ भी हो, तो कैसे हो।
दूर हटो कहकर कोई,
कब हमको पास बुलाता था,
रेशम सी बाहों में भरकर,
कब हमको कोई सुलाता था,
बिना कहे तुमने तो सारी,
दुनिया की लीक पलट दी बस
कुएं का प्यासे तक आना,
तुमने रीत नई दी अब,
बिना तुम्हारे प्रीत की नैया
पार भी हो, तो कैसे हो।
तुम न हो और सारे जग का,
साथ भी हो, तो कैसे हो।
स्वप्न सुनहरे, तितली, गुलशन,
तारे, चंदा जैसे है।
तुम बैठी हो सामने मेरे,
सारे अरमा बहके हैं।
रंगे हुए हाथों से मेरे,
जीवन को रंगने वाले,
तेरे नैनो से उलझ गए ये,
नैना जिद्द कर बैठे हैं,
बिना तुम्हारे प्रथम मिलन की,
रात भी हो, तो कैसे हो।
तुम न हो और सारे जग का,
साथ भी हो, तो कैसे हो।
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