चूम लो मुझको
चूम लो मुझको, अमर, प्रेम कहानी कर दो
मेरे पास आओ, मुझे अपनी दीवानी कर दो,
मैंने कब रोका तुम्हें, दिल से लगा लो आओ,
मुझको छू कर मुझे, पत्थर से पानी कर दो।।
दिल ने तूफान उठाया, तुम्हें देखा जब से,
मैं बहुत दूर, तक आया, तेरे पीछे घर से।
सबसे दिलकश है शरमा के सिमटना तेरा,
मेरे हो जाओ, अमर, प्रेम कहानी कर दो।
मैंने कब रोका तुम्हें, दिल से लगा लो आओ,
मुझको छू कर मुझे, पत्थर से पानी कर दो।।
सुर्ख गालो का ये कहना की छू लो मुझको,
बन्द आंखे भी ये कहती है चूमो मुझको,
संगमरमर की हसीन मूरत सा तेरा ये बदन,
जाम होठों के ये कहते हैं पी लो मुझको
शर्म ने रोका मेरे, कदमो को आ जाओ दिलबर
मुझको छू कर मुझे, पत्थर से पानी कर दो।।
दिल को बैचैन कर जाती, है आहट तेरी,
दिल मे एक प्यास जगाती है चाहत तेरी,
तेरी उल्फत की शमा मे है जलना मुझको,
मुझको दीवाना बनाती है, सुरत तेरी,
मुझको खुद में छुपा लो मेरे दिलबर आकर,
मुझको छू कर मुझे, पत्थर से पानी कर दो।।
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