वेवफा हो तुम


वेवफा हो तुम,
इसलिए नहीं कि,
तुमने वादे तोड़े,
बल्कि इसलिए,
कि रोज चली आती हो,
ख्वाबों में तड़पाने के लिए।

जो तुमको जाना था,
और तुम गए भी,
अपनी यादें अपने सपने,
क्यूं नहीं ले गए तुम,
मेरी मोहब्बत, मेरे दिल को,
क्यूं नही लौटा गए,
वेवफा हो तुम,
इसलिए नहीं कि,
तुमने वादे तोड़े,
बल्कि इसलिए,
तुम अपना तो सब कुछ ले गए
और मेरा भी...

मैं खुश हूँ, इसलिए कि तुम खुश हो,
मैं चुप हूँ, इसलिए कि,
तुमने मौन धारण कर लिया है,
मैं तुमसे वजह नहीं जानना चाहता,
मगर इतना तो हक है कि,
तुमसे कहूं, कसमें दूँ,
कि याद नही आना तुम,
वेवफा हो तुम,
इसलिए नहीं कि तुमने वादे तोड़े,
इसलिए नही कि तुम,
रोज चली आती हो,
ख्वाबों में तड़पाने के लिए,
बल्कि इसलिए,
कि मेरी आखिरी ख्वाईश भी,
पूरी नही की तुमने।

क्योकि, जो तुम्हारा था,
उसकी तो मौत हो गई,
तभी तुम जब छोड़ गई उसको,
मैं जिंदा हूँ जो न वो है,
न उसका साया है,
मेरा बाकि अस्तित्व ही नही,
शायद सब पीछे भूल आया है,
ओह! वो सब तो मैं तुम्हें दे आया,
अपने दिन, अपनी रातें,
अपना दिल अपनी बातें,
पर तुमने तो वो सब,
अपना बना लिया,
और मुझे ठुकरा गए।

वेवफा हो तुम,
इसलिए नहीं कि,
तुमने वादे तोड़े,
बल्कि इसलिए कि,
मेरा सब कुछ ले लिया और दी,
एक जिंदा मौत,
एक मुर्दा जिन्दगी....

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