कभी दूर से जब आती है 282

कभी दूर से जब आती है,
पानी की आवाज मचलती,
तुमसे जब-जब टकराती हैं,
पानी की एक धार मचलती,
खुशबू-खुशबू हो जाती है,
सारे जग की सारी बातें,
दिल की सारी धड़कन देखो,
तुम पर है हर बार मचलती।


इश्क तो बस पानी के जैसे,
बह जाने का नाम है मानो,
प्रियतम की नजरों से हरपल,
सज जाने का काम है मानो,
कुछ कहने की बात नहीं ये,
चुप रहने की जिद के जैसी,
जिस पर मरते उससे ही न,
कह पाने की बात है मानो,
पर दिल की इस चाह को कैसे,
होठों पर हम आने ना दें,
दिल की सारी धड़कन देखो,
तुम पर है हर बार मचलती।


हो जाएगा जब तुमसे ये,
चाहत का इकरार सुनो न,
मिल जाएगा जब इस दिल को,
तेरे दिल का साथ सुनो न,
हो जायेंगी बाहें जब ये,
वरमाला के फूलों जैसी,
तब होगा एक अलग-अलग सा
प्रेम का फिर इतिहास सुनो न,
पर तब तक मानो ये जीवन,
कांटो की एक सेज है मुझको,
दिल की सारी धड़कन देखो,
तुमपर है हर बार मचलती।


बैठ आज फिर पहरों-पहरोंं,
चुप-चुप सी जो बात करें वो,
तुमसे मुझको सपनो का जो,

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