दिल में उम्मीदें पाले

दिल में उम्मीदें पाले, बैठे हैं एक किनारे,
मुमकिन नहीं है सारे सपनों का सच हो पाना।

होता नहीं है पूरा, कभी इंतजार दिल का,
होता है पास उनके, हर रोज एक फसाना।

कई दुश्मनों ने घेरी, है राह इस मिलन की,
होता कभी सताना, होता किसी का आना।

बड़ी मिन्नतें करो तो, अहसान हो ही जाता,
बड़ी देर से है आना, जल्दी है उनको जाना।

कभी इंतजार तुमको, होता तो तुम समझते,
पागल सा मन ये मेरा, क्या चाहे तुम्हें बताना।

इठला के बन संवर के, निकले हो तुम तो घर से,
कभी बन के ऐसे हमको, करो अपना फिर दीवाना

कुछ बात है कह दो, किसी चाह को न शह दो,
जल्दी है मुझको उठना, ऑफिस भी तुमको जाना

पल भर में कैसे भर ले, सागर जो मन का खाली,
बस प्रेम बन के बरसो, कर लो यहीं ठिकाना।

बड़ी देर हो गई है, बच्चे नहीं हैं सोए,
सो जाओ दे के मुझको, बांहों का ये सिरहाना।

अब बात कल ही करना, मुश्किल है नींद टलना,
चाहो अगर जगाना, सुबह काम करके जाना।

मुझे प्रेम है तुम्हीं से, मगर काम मुझको दस हैं,
दिल प्यार नहीं है भुला, रिश्ते भी हैं निभाना।

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